SC ST OBC And General Got How Many Posts In Judicial Appointments Of Judges In Five Years Kiren Rijiju Replies In Parliament
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Govt on Judicial Appointments: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने गुरुवार (2 फरवरी) को संसद में न्यायिक नियुक्तियों (Judicial Appointments) के संबंध नें पूछे गए प्रश्न का जवाब दिया. सवाल न्यायिक नियुक्तियों में सामाजिक ताने-बाने को लेकर था. इसकी जानकारी बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके दी.
सुशील मोदी के ट्वीट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने राज्यसभा में कहा, ”पिछले पांच वर्षों में 25 हाई कोर्ट में 554 नियुक्तियां की गईं, जिनमें से सामान्य श्रेणी (General) से 430, अनुसूचित जाति (SC) से 19, अनुसूचित जनजाति (ST) से 6, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से 58 और अल्पसंख्यकों में से 27 लोगों की नियुक्तियां हुईं. इनमें 84 नियुक्तियां महिला न्यायाधीशों के खाते में गईं.”
सिविल जज (जूनियर-सीनियर डिवीजन) और जिला न्यायधीशों का आंकड़ा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सभी जिला और अधीनस्थ अदालतों में 1270 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) एससी से, 465 एसटी से और 2,055 ओबीसी से ताल्लुक रखते हैं, वहीं इस पद पर महिलाओं की संख्या की 3,684 है. सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के मामले में 710 लोग एससी से हैं जबकि एसटी से 278 और ओबीसी से 1,251 लोग इस पद पर हैं. वहीं 1574 महिलाएं सीनियर डिवीजन सिविल जज हैं.
जिला न्यायाधीशों में 612 एसी से हैं, 204 एसटी से और 1,329 अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं. वहीं, 1,406 महिलाएं जिला जज हैं.
पांच साल में सुप्रीम कोर्ट में कितने न्यायाधीशों की हुई नियुक्ति?
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल में सुप्रीम कोर्ट में कुल 30 न्यायाधीशों की नियुक्तियां हुईं. शीर्ष अदालत में 2022 में 3, 2021 में 9, 2020 में शून्य, 2019 में 10 और 2018 में 8 न्यायाधीशों की नियुक्तियां हुईं.
सुशील कुमार मोदी का ट्वीट
Question in Rajya Sabha on Social Diversity in Judicial Appointments
In response @KirenRijiju informed:
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 2, 2023
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से सरकार ने किया यह निवेदन
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने संसद में बताया, ”भारत सरकार ने न्यायिक नियुक्तियों में सामाजिक विविधता को लेकर अपने संकल्प को दोहराया है और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से आग्रह किया है कि वे जजों की नियुक्ति में सामाजिक ताने-बाने को सुनिश्चित करने के लिए अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यकों (Minorities) और महिलाओं (Women) के ठीक उम्मीदवारों पर उचित विचार करें.”
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