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Russia Is Unable To Supply Arms To India Amid War With Ukraine


India Russia Defence: रूस के साथ भारत के रिश्ते हमेशा से बेहतर रहे हैं. रूस भारतीय सेना को हथियार और जरुरी सैन्य उपकरण मुहैया कराता रहा है. मौजूदा समय में रूस से सबसे ज्यादा सैन्य उपकरण खरीदने वाला देश भारत है. साफ़ शब्दों में कहें तो भारतीय सेना बहुत हद तक रूस पर निर्भर है. रूस भारत को सैन्य उपकरण बेच कर मोटी कमाई भी करता है. लेकिन अब भारत के लिए मुसीबत का दौर आने वाला है. 

अमेरिकी मैगजीन फॉरेन पॉलिसी ने दावा किया है कि रूस के रक्षा उद्योग इस समय भारत को अहम उपकरणों की सप्‍लाई के लिए संघर्ष से गुजर रहा है. रूस अपनी खुद जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा है. ऐसे में रूस भारत की मदद कैसे कर पायेगा ? गौरतलब है कि यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद रूस मुश्किलों में है. यूक्रेन के साल चल रहे संघर्ष को एक साल से अधिक हो गए. ऐसे में रूस का  रक्षा उद्योग अपनी जरूरतें पूरी करने में लगा है. वहीं वजह से कि मौजूदा समय में वह भारत को जरुरी सप्लाई नहीं दे पा रहा है. 

भारत को सप्लाई नहीं दे पा रहा रूस 

मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच रूस को खुद नहीं मालूम है कि वह कब भारत की सैन्‍य जरूरतों को पूरा करता रहेगा. इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि अगले एक दशक तक भारत को कई उपकरणों की सप्‍लाई होती रहेगी. ऐसे में सवाल यह कि भारत अपनी जरूरतें कहां से पूरी करेगा . 

भारत के डील अधर में 

मैगजीन के मुताबिक, भारतीय सेनाओं के पास ज्‍यादातर रूस के बने उपकरण हैं, साथ ही भारत ने कई उपकरण के लिए रूस से डील की हुई है. जो अधर में जाती दिख रही है. मैगजीन की माने तो रूस के पास सैन्य उपकरणों की उपलब्धता कम हो गई है. जिसका असर भारत पर निश्चित रूप से पड़ेगा . मैगजीन का दावा है कि रूस की तरह से सप्लाई में कमी होने के बाद भारत का भंडार कम होगा, जिसे आगे चल कर भर पाना आसान नहीं होगा.

गौरतलब है कि हाल के दिनों में भारत के रिश्ते पाकिस्तान और चीन दोनों से तनावपूर्ण हैं. ऐसे में भारत को लेकर जाने वाला यह मैसेज दुश्मनों के हौसले को बढ़ाएगा. रूस की तरफ से जरुरी सैन्य सहायता नहीं मिल पाने पर ऑपरेशनल क्षमताओं पर नकरात्‍मक असर पड़ेगा. बताते चलें कि इस समय वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन और भारत आमने सामने हैं. 

डिलीवरी हैं पेंडिंग 
बता दें कि रूस की तरफ से पांच S-400 मिसाइल सिस्‍टम की डिलीवरी में देर हो रही है. साल 2018 में भारत ने रूस के साथ 5.4 बिलियन डॉलर का करार इस सिस्टम के लिए किया था. भारत को आखिरी दो रेजीमेंट की डिलिवरी का इंतजार है. रूस के अनुसार साल 2024 की शुरुआत में इसकी डिलिवरी हो जाएगी हालांकि इसे साल 2023 में ही मिल जाना था. 

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