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What Are Arbitrage Funds That Generate Better Return During Volatile Market Conditions

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आर्बिट्राज फंड (Arbitrage Fund) ऐसे इक्विटी ओरिएंटेड हाईब्रिड म्‍यूचुअल फंड हैं जो बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान रिटर्न अर्जित कर सकते हैं. ये फंड वास्‍तव में किसी एक सिक्‍योरिटी के दो बाजारों में चल रहे दाम में अंतर का फायदा उठाते हैं. उदाहरण के तौर पर किसी सिक्‍योरिटी की कीमत हाजिर बाजार (Spot Market) में 100 रुपये है और वायदा बाजार (Futures Price) में यह 102 रुपये का चल रहा है तो इसके फंड मैनेजर कीमतों में इस फर्क का लाभ उठाते हैं. इसके लिए विशेषज्ञता चाहिए होती है. 

क्‍या हैं इक्विटी ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड?

आर्बिट्राज फंड के बारे में विस्‍तार से जानने से पहले हम इक्विटी ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड को समझते हैं. हाइब्रिड फंड इक्विटी यानी शेयर, डेट, गोल्‍ड आदि जैसे एसेट क्‍लास या परिसंपत्तियों में निवेश कर सकते हैं. जोखिम को कम करने के लिए ये फंड अपने निवेश उद्देश्‍य के आधार पर विभिन्‍न एसेट क्‍लास में एक खास अनुपात में निवेश करते हैं. अब अगर कोई हाइब्रिड फंड इक्विटी में कम से कम 65 प्रतिशत का निवेश करता है तो उसे इक्विटी ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड की कैटेगरी में रखा जाता है. आर्बिट्राज फंड इसी श्रेणी में आते हैं. 

आर्बिट्राज फंड कैसे अर्जित करते हैं मुनाफा ?

जैसा कि आपने पहले जाना यह फंड दो बाजारों या दो एक्‍सचेंजों के बीच किया सिक्‍योरिटी की कीमतों में अंतर का लाभ उठाता है और उसी से रिटर्न अर्जित करता है. इसका प्राथमिक उद्देश्‍य ही यही है. 

किन निवेशकों के लिए है आर्बिट्राज फंड?

आर्बिट्राज फंड की जोखिम प्रोफाइल डेट फंड जैसी ही है. ज्‍यादातर आर्बिट्राज फंडों के बेंचमार्क लिक्विड फंड होते हैं. मतलब ये कि जो निवेशक इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं लेकिन उनकी जोखिम उठाने की क्षमता फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में निवेश करने जितनी है, तो वे इन आर्बिट्राज फंड का सहारा ले सकते हैं. 

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आर्बिट्राज फंडों में निवेश करते समय किन बातों पर करें गौर?

फंड मैनेजर: आर्बिट्राज फंड के मामले में फंड मैनेजर की सबसे अहम भूमिका होती है. वही आर्बिट्राज के अवसरों की तलाश करते हैं. इसलिए, आर्बिट्राज फंडों में निवेश करते समय आपको यह देखना चाहिए आपके फंड मैनेजर ने बीते समय में कैसा परफॉरमेंस दिखाया है. 

ज्‍यादा रिटर्न की न करें उम्‍मीद: आर्बिट्राज फंड दो बाजारों में सिक्‍योरिटीज के दाम के अंतर का लाभ उठाता है. यानी एक बाजार में खरीदा और दूसरे में तत्‍काल बेच दिया. ऐसे में इक्विटी के निवेश से जुड़ा जोखिम इनमें नहीं होता है. हालांकि, ऐसे अवसर और कीमतों का अंतर काफी कम ही देखने को मिलता है. इसलिए , रिटर्न भी औसत होता है. लंबे समय यानी 5 से 8 वर्षों में आप इनसे 7-8 प्रतिशत रिटर्न की उम्‍मीद कर सकते हैं. 

कितना रहा है रिटर्न?

(Source: Value Research)

कितना लगता है टैक्‍स?

अगर आप अपने आर्बिट्राज फंड से एक साल से पहले निकासी करते हैं तो आपको 15 प्रतिशत के हिसाब से कैपिटल गेन टैक्‍स देना होगा.  वहीं, अगर आप इसके यूनिट्स खरीदारी के एक साल बाद बेचते हैं तो आपको 1 लाख रुपये से अधिक की राशि पर आपको 10 प्रतिशत की दर से टैक्‍स देना होगा. यहां यह जानना जरूरी है कि एक लाख रुपये तक के लाभ पर निवेशकों को कोई टैक्‍स नहीं देना होता है. 

आर्बिट्राज फंडों में कब करें निवेश? 

जब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी हो तो शॉर्ट टर्म के लिए आर्बिट्राज फंडों में निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो के एक छोटे हिस्से का एलोकेशन कर सकते हैं. हालांकि, जब बाजार एक ही दिशा में चल रहा हो तो आर्बिट्राज के अवसर कम होते हैं और ऐसे में रिटर्न प्रभावित होता है.

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