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Union Budget 2023 Chamber Of Trade And Industry CTI Seeks Relief For Middle Class Small Traders


Chamber of Trade and Industry Union Budget 2023 :  केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) संसद में 1 फरवरी 2023 को आम बजट (Union Budget 2023) पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से आम बजट को लेकर दिल्ली स्थित व्यापारियों के संघ चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने पत्र लिखा है. ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने पत्र लिखकर मीडिल क्लास और कारोबारियों के लिए राहत की मांग की है. जानिए बजट में क्या खास मांग की गई है.

मीडिल क्लास और छोटे कारोबारियों के लिए रखी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने अपनी बजट पूर्व सिफारिशों के तहत पत्र लिखा है. पत्र के जरिए CTI ने मिडिल क्लास के लोगों और छोटे व्यापारियों के लिए राहत की मांग की है. एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि सभी क्षेत्रों को बजट में सरकार से राहत की जरूरत है. खासकर मिडिल क्लास और दिल्ली के 20 लाख व्यापारियों को पिछले 8 सालों में बजट में कोई राहत नहीं मिली है. सभी को उम्मीद है कि इस बजट से उन्हें कुछ राहत जरूर मिलेगी. 

टैक्स पेयर्स को मिले फायदा

CTI की ओर से अध्यक्ष (CTI President, Brijesh Goel) बृजेश गोयल का कहना है कि सीनियर सिटीजन के टैक्स पेयर्स को उनके टैक्स के आधार पर वृद्धावस्था लाभ मिलना चाहिए. करदाताओं को उनकी वृद्धावस्था में पिछले वर्षों में भुगतान किए गए आयकर के आधार पर सामाजिक सुरक्षा और सेवानिवृत्ति लाभ मिलना चाहिए.

पुरानी सीमा में नहीं हुआ इजाफा 

एसोसिएशन का कहना है कि, व्यापार करने में आसानी के लिए केंद्र सरकार को नकद भुगतान की पुरानी सीमा को बहाल करने की सिफारिश की है. गोयल ने कहा कि, नकद लेनदेन की सीमा 20 साल से नहीं बढ़ी है. 6 साल पहले डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नकद भुगतान की सीमा को 20,000 रुपये से घटाकर 10,000 रुपये कर दिया था. उन्होंने कहा कि, 20 हजार की लिमिट 22 साल से चल रही थी. आयकर अधिनियम की धारा 40A के तहत, एक दिन में किसी भी व्यक्ति को 10,000 रुपये से अधिक का नकद भुगतान आय की गणना में कटौती के रूप में स्वीकार्य नहीं होगा.

1 फरवरी को पेश होगा बजट

संसद में 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करेंगी. पिछले 2 केंद्रीय बजटों की तरह इस बार का भी केंद्रीय बजट पेपरलेस होगा. अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) के लिए वार्षिक बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद 10 अक्टूबर से शुरू हुई थी.

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