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Tata Buys 470 Aeroplanes For Air India To Stay Ahead In Domestic Aviation Market And Make Big Inroute In International Aviation


India Aviation Sector: कोरोना काल के खत्म होने के बाद देश में अचानक हवाई यात्रा की मांग में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. एयर ट्रैवल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश के घरेलू एयरलाइंस को अपना सीट बेल्ट बांधना पड़ रहा है.  इसी के मद्देनजर आने वाले दिनों में घरेलू एयरलाइंस 1100 से ज्यादा नए विमानों का आर्डर करने जा रहे हैं. जिनकी शुरुआत कर दी है टाटा ने. 

470 विमानों के आर्डर का रिकॉर्ड

2022 में एयर इंडिया के कॉकपिट में सवार हुई एयरलाइंस की नई प्रमोटर टाटा समूह ने इस हफ्ते 470 नए विमानों का आर्डर बोइंग और एयरबस को दिया है. और कंपनी के पास इसके अतिरिक्त 370 और प्लेन के आर्डर करने का ऑप्शन उपलब्ध है. एयर इंडिया ने वाइड और नैरो बॉडी दोनों ही विमानों का आर्डर प्लेस किया है. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में विमानों का आर्डर देने का ये वर्ल्ड रिकॉर्ड है जो पहले अमेरिकन एयरलाइंस के नाम था जिसने 2011 में 460 विमानों का आर्डर एक साथ दिया था. 

मार्केट शेयर बढ़ाने की तैयारी 

पर सवाल उठता है कि अचानक इतने विमानों का आर्डर देने की दरकार टाटा को क्यों पड़ी. फिलहाल टाटा समूह की जितनी एयरलाइंस ऑपरेट करती है उसके पास कुल 230 विमान हैं. आने वाले समय में टाटा समूह एयर इंडिया को विस्तारा एयरलाइंस के साथ विलय करने जा रही है. साथ ही लो कॉस्ट कैरियर एयर एशिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी विलय करेगी. टाटा समूह के घरेलू बाजार में इंडिगो, स्पाईसजेट, अकासा के साथ चुनौती मिल रही है तो इंटरनेशनल रूट्स में एमिरेट्स और कतर एयरलाइंस से चुनौती मिल रही है. इस चुनौती का सामना करने के लिए टाटा एयर इंडिया लिमिटेड में अपने चार एयरलाइंस ब्रांड का विलय कर रही है.  

एयर इंडिया होगी और मजबूत 

टाटा संस के साथ विस्तारा के ज्वाइंट वेंचर को एयर इंडिया में विलय करने के बाद एयर इंडिया के नए स्वरूप में सिंगापुर एयरलाइंस की 25.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी. फिलहाल सिंगापुर एयरलाइंस की टाटा सिंगापुर एयरलाइंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी है. सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा के बीच 2022-23 और 2023-24 में एयर इंडिया के ग्रोथ ऑपरेशन की फंडिंग के लिए अतिरिक्त पूंजी निवेश को लेकर भी सहमति बन गई है. टाटा संस एयर इंडिया में विस्तारा के विलय के जरिए एविएशन सेक्टर में बड़ा साम्राज्य स्थापित करना चाहती है. विलय के फैसले के बाद एयर इंडिया देश में विमानों की संख्या और मार्केट शेयर के लिहाज से दूसरी बड़ी एयरलाइंस बन जाएगी.

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पैसेंजर ट्रैफिक में जबरदस्त बढ़ोतरी का अनुमान 

सरकार अगले 5 वर्षों में 80 नए एयरपोर्ट बनाने जा रही है जिसके बाद देश में कुल 220 एयरपोर्ट हो जायेंगे. बोईंग का मानना है कि 2041 तक भारत में हर साल 7 फीसदी के दर से पैसेंजर ट्रैफिक बढ़ने का अनुमान है. भारत में बढ़ते एयर ट्रैवल की मांग को पूरा करने के लिए एयरलाइंस कंपनियों को 2210 नए प्लेन का आर्डर करना पड़ सकता है. इसी फोकस को ध्यान में रखते हुए टाटा समूह ने एयर इंडिया ने 470 नए विमान खऱीदने का फैसला किया है.   

देश के घरेलू एयरलाइंस ने पहले से ही विमान आर्डर कर रखे हैं. इंडिगो का 500 विमान आर्डर पर है. अकासा ने 72 विमान का आर्डर दिया था जिसमें से 16 डिलिवर कर दिए गए हैं और 56 मिलने बाकी हैं. गो एयर ने 72 विमान आर्डर किया हुआ है. विस्तारा को 17 विमान मिलने हैं. इऩ सभी को मिला दें तो एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा के कुल 1115 प्लेन आर्डर पर है.  

चीन से पीछे भारत 

भारत में एयर ट्रैवल अभी भी बेहद कम है. ये इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि भारत में जहां केवल 646 विमान हैं वहीं चीन में 3922 विमान ऑपरेट करती हैं.  ऐसा में भारत के एविएशन सेक्टर में विस्तार की बहुत संभावना बनती है. 

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