Suvendu Adhikari Not Attend Meeting With Mamata Banerjee: On West Bengal Chief State Chief Information Commissioner

West Bengal Politics: बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सूचना आयुक्त (SIC) को नियुक्त करने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बुधवार (15 फरवरी) को मीटिंग में शामिल होने से मना कर दिया. बनर्जी ने विधानसभा में अपने चैंबर में अधिकारी को पूरे मामले को लेकर बुलाया था,.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, ”मैं राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हुई समिति की बैठक में इसलिए शामिल नहीं हुआ क्योंकि आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन दिशा निर्देशों का उल्लंघन है. इसे पहले से तय उम्मीदवार को मंजूरी देने के लिए एक हास्यास्पद प्रक्रिया बना दिया गया है.”
‘औपचारिकता है’
विधायक सुवेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि लिस्ट से पता चलता है कि विज्ञापन को राष्ट्रीय मीडिया में अच्छी तरह से प्रसारित नहीं किया गया. इससे यह तो साफ है कि उम्मीदवार पहले से तय है और यह बैठक एक औपचारिकता है. अधिकारी को पिछले साल भी एक ऐसी ही मीटिंग में बुलाया गया था लेकिन वो नहीं गए. उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा में विपक्ष का नेता होने के कारण वो लोगों को धोखा देने वाली ऐसी फर्जी मीटिंग में शामिल नहीं हो सकते.
कौन बने राज्य सूचना आयुक्त?
इस विवाद के बीच पश्चिम बंगाल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) वीरेंद्र को राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया. यह जानकारी राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने दी. नए एसआईसी का चयन करने के लिए राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कक्ष में बैठक हुई थी. चट्टोपाध्याय ने मीटिंग के बाद कहा, ‘‘पद के लिए 15 आवेदन आए थे, जिनमें से 10 वैध पाए गए. सीएम बनर्जी ने वीरेंद्र के नाम का प्रस्ताव दिया और हमने इसका समर्थन किया.
I have declined the invitation to join the Committee Meeting for appointing the State Chief Information Commissioner, as because the advertising guidelines for inviting applications have been violated, reducing it to a farcical process to approve an already pre-decided Candidate. pic.twitter.com/CAEqFDZgGf
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) February 15, 2023
सरकार ने क्या कहा?
अधिकारी के बैठक में शामिल न होने के बारे में चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘‘हमें सुवेंदु अधिकारी का पत्र मिला है कि वह बैठक में उपस्थित नहीं होंगे। हमें उनकी अनुपस्थिति का कोई वैध कारण नहीं दिखता. हमने उन्हें 15 दिन पहले लेटर भेजा था. हमने 12 दिन पहले मूल पत्र को संशोधित करते हुए एक और चिट्ठी दोबारा भेजी. यदि उन्हें कोई आपत्ति थी तो उनके पास इसे उठाने के लिए पर्याप्त समय था.
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