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Supreme Court Stays Trial Of Delhi CM Arvind Kejriwal Case Based On Remark Over Khuda Believers Wont Be Pardoned If They Vote For BJP | Arvind Kejriwal In SC: केजरीवाल की गुहार- अब मैं चीफ मिनिस्‍टर हूं कृपया कार्यवाही रोक दो, जज बोले


Supreme Court on Arvind Kejriwal Khuda Remark Case: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार (17 फरवरी) को अपने वकील के माध्यम से एक पुराने केस की कार्यवाही पर रोक लगाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लगाई. वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीएम केजरीवाल की ओर से शीर्ष अदालत से गुहार में कहा, ”अब मैं मुख्यमंत्री हूं, कृपया कार्यवाही पर रोक लगा दीजिए.” सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष देश में भगवान को बीच में क्यों लाते हो? हालांकि, शीर्ष अदालत ने केस की कार्यवाही पर रोक लगा दी.

केजरीवाल के किस बयान को लेकर है विवाद?

मामला 2014 का है. केजरीवाल ने एक रैली के दौरान कथित तौर पर जनता से कहा था, ”जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरा मानना होगा कि देश के साथ गद्दारी होगी, जो भाजपा को वोट देगा उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा, देश के साथ गद्दारी होगी.” केजरीवाल के इस कथित बयान पर काफी हंगामा हुआ था और एक पुलिस अधिकारी की ओर से जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 125 के तहत आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में सार्वजनिक बयानबाजी करने का मामला दर्ज कराया गया था.

मामले को लेकर जनवरी में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी. इससे पहले केजरीवाल को सुल्तानपुर कोर्ट से निराशा हाथ लगी थी. हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने पर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट में मामले पर अब अगली सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी. 

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने क्या कहा?

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत में सीएम का पक्ष रखते हुए कहा, ”माननीय न्यायालय कार्यवाही पर रोक लगा सकता है, अब मैं मुख्यमंत्री हूं तो हर बार मुझे उत्तर प्रदेश बुलाया जाएगा, केस में वहां से मुक्ति नहीं मिली है. पूरा मकसद मुझे बुलाना और गिरफ्तार करना है. तब तक माननीय अदालत पास की एक तारीख दे सकती है, इस बीच माननीय अदालत कार्यवाही पर रोक लगा सकती है.”

केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

केजरीवाल की याचिका पर एक नोटिस जारी करते हुए सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की बेंच ने मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी. सुनवाई के दौरान बेंच ने केजरीवाल के 2014 वाले कथित बयान पर नाराजगी जताई. बेंच ने कहा, ”भगवान को क्यों ला रहे हो? एक धर्मनिरपेक्ष देश में भगवान को अकेला छोड़ दीजिए. भगवान को किसी से सुरक्षा की जरूरत नहीं है, वह अपनी देखभाल स्वयं कर सकता है.” अदालत ने यह भी कहा कि जब वह (केजरीवाल) पद पर थे तो इस तरह के बयान क्यों देने चाहिए? सिंघवी ने जवाब दिया कि केजरीवाल उस समय किसी पद पर नहीं थे.

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