Supreme Court On Hate Speech Remove Hate From Minds To See Things In Clear Perspective

SC On Hate Speech: हेट स्पीच को लेकर देश में बीते कई समय से बहस छिड़ी हुई है. कई राजनेताओं पर हेट स्पीच को लेकर मामले भी दर्ज हैं. इस सबके बीच, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हेट स्पीच को लेकर अहम टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने अभद्र भाषा के मामलों में कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नफरत सभी धर्मों की दुश्मन है और ऐसा नहीं है कि जो कुछ भी कहा जाता है वो अभद्र भाषा है.
जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने सोमवार (20 फरवरी) को कहा कि अदालतों को यह तय करते समय सावधानी बरतनी होगी कि अपराध क्या है. पीठ ने यह भी कहा कि चीजों को स्पष्ट रूप से देखने के लिए दिमाग से नफरत को दूर करना जरूरी है. पीठ ने कहा, “ऐसा नहीं है कि जो कुछ भी कहा जाता है वह अभद्र भाषा है… हमें सावधान रहना होगा.”
पीठ ने किया धारा 153ए का जिक्र
यह कहते हुए कि अभद्र भाषा को संविधान में परिभाषित नहीं किया गया है, शीर्ष अदालत ने कहा कि धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) का आह्वान काफी हद तक अदालत की व्याख्या पर निर्भर करेगा.
दोषियों पर कार्रवाई के दिए थे निर्देश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अभद्र भाषा के खिलाफ कार्रवाई की कमी पर निराशा व्यक्त की थी. कोर्ट ने कहा था कि अगर इस तरह के बयानों (हेट स्पीच) पर अंकुश लगाने के लिए और निर्देश जारी करने के लिए कहा गया तो इसे बड़ी शर्मिंदगी और कुछ नहीं हो सकती. पिछले साल, शीर्ष अदालत ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को शिकायत का इंतजार किए बिना दोषियों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
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