RBI Monetary Policy Credit Policy RBI Will Change Repo Rate Or Maintain Status Quo EMI Home Loan Impact

RBI Monetary Policy: देश के आम नागरिक इस बार रिजर्व बैंक (RBI) की क्रेडिट पॉलिसी (RBI Monetary Policy) से ये उम्मीद कर रहे हैं कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) उनके लिए कुछ ऐसा फैसला करेंगे जिससे महंगी ईएमआई (EMI) से कुछ राहत मिल सके. पिछली पांच क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई कुल 225 बेसिस पॉइंट या 2.25 फीसदी का इजाफा रेपो रेट (Repo Rate) में कर चुका है.
क्या है आज की क्रेडिट पॉलिसी से उम्मीद
आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी के लिए एक्सपर्ट उम्मीद लगा रहे हैं कि आरबीआई ज्यादा से ज्यादा 0.25 फीसदी की बढ़त रेपो रेट में कर सकता है और इसे 6.50 फीसदी पर लाया जा सकता है. कई वित्तीय जानकारों का मानना है कि आरबीआई इस पॉलिसी में दरों में कोई इजाफा नहीं करेगा. अगर ऐसा होगा तो लोगों को बढ़ती ईएमआई से कुछ राहत मिल सकेगी.
महंगाई के आंकड़ों में आ रही है कमी
दरअसल बजट 2023-24 के तुरंत बाद ये मौद्रिक नीति समिति की बैठक है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा भी है कि वित्तीय घाटे को काबू में रखा जा सकेगा. महंगाई पर आरबीआई की नजर है और दिसंबर के थोक महंगाई दर और खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में गिरावट देखे जाने से इस बात की उम्मीद जगी है कि देश में अब लगातार बढ़ती ब्याज दरों का सिलसिला थमेगा. दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी पर और थोक महंगाई दर 5.95 फीसदी पर आ गई थी जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी के दायरे में ही है.
पिछले साल पांच बार दरों में की गई 225 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी
पिछली मई से अब तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में 2.25 फीसदी तक का इजाफा कर चुका है. ये बढ़ोतरी काफी एग्रेसिव रेट पॉलिसी के रुख को दिखाती है पर अगर आरबीआई इस बार की क्रेडिट पॉलिसी में भी ब्याज दरों में इजाफा करता है तो ये लगातार छठी बार होगा जब रिजर्व बैंक की ओर से नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा हुआ हो.
रेपो रेट इस समय 6.25 फीसदी पर है
RBI के गवर्नर ने 13 जनवरी को एक इकोनॉमी समिट में शिरकत करते हुए कहा था कि मौजूदा स्थिति में 4 फीसदी के मुद्रास्फीति लक्ष्य पर फिर से विचार करना जल्दबाजी होगी. हालांकि ऐसी संभावना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को इस बार की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में बड़े सवालों का सामना करना पड़ा होगा. देश में रेपो रेट 6.25 फीसदी पर है और इसके आधार पर बैंकों के लोन की दरें काफी बढ़ी हुई हैं. सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए भी आरबीआई के ऊपर दबाव है.
S&P Global Ratings ने दी अपनी राय
आरबीआई एमपीसी की लगातार छठी बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला लेता है या नहीं, ये तो आज पता चल जाएगा लेकिन इस बीच रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ( S&P Global Ratings) ने अपनी राय दी है. एसएंडपी का मानना है कि भारत में 6.25 फीसदी का रेपो रेट अपने उच्च स्तर पर है और अब उसमें और बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत नहीं है.
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