RBI Governor Shaktikanta Das Says Worst Crisis Of Inflation Economic Growth And Currency Crisis Now Behind Us

RBI Governor: 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट आ सकती है लेकिन आर्थिक विकास दर और महंगाई को लेकर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा संकट अब पीछे छूट चुका है. ये कहना आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास दर, महंगाई और करेंसी के ताजा आंकड़े बताते हैं कि फाइनैंशियल मार्केट्स और वैश्विक अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा दौर पीछे छूट चुका है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उच्च ब्याज दरों का दौर लंबे समय तक बनी रह सकती है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2023 में गिरावट आने की आशंका है, लेकिन ऐसा लगता है कि वृद्धि और मुद्रास्फीति, दोनों मामले में सबसे खराब दौर पीछे छूट गया है. आरबीआई गवर्नर ने फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फिम्मडा) और प्राइमरी डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीडीआईए) की दुबई में वार्षिक बैठक के दौरान यह बातें कही है.
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के चलते लागू किए गए प्रतिबंधों में राहत और अलग अलग देशों में महंगाई में कमी के साथ सेंट्रल बैंकों ने पॉलिसी रेट्स में कम वृद्धि या ठहराव के संकेत देने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि महंगाई दर अभी भी ज्यादा है. शक्तिकांत दास ने कहा सेंट्रल बैंक महंगाई को अपने टोलरेंस बैंड में लाने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है. पर उन्होंने कहा कि ब्याज दरें ऊंची बनी रह सकती है और फिलहाल इससे राहत नहीं मिलने वाली है.
वैश्विक ग्रोथ रेट को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले तक गंभीर मंदी की आशंका थी, लेकिन अब लग रहा है कि सामान्य मंदी रहेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे अनिश्चित अंतरराष्ट्रीय माहौल में ”हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है” और वृहत आर्थिक आर्थिक आंकड़े मजबूत हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारे फाइनैंशियल सिस्टम मजबूत और स्थिर बनी हुई है. बैंक और कंपनियां पहले की तुलना में बेहतर हैं. बैंक लोन ग्रोथ रेट डबल डिजिट में ग्रोथ दिखा रहा है. उन्होंने कहा कि कोर महंगाई दर ज्यादा है लेकिन नवंबर और दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर में अच्छी गिरावट देखने को मिली है. दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी तक कम हो चुका है. आरबीआई ने 4 फीसदी खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य रखा हुआ है.
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