दुनिया

Pakistanis Fears Tehreek-e-Taliban Pakistan, After Peshawar Attack, Pak Govt Seeking Help From Taliban Top Leaders | पेशावर हमले से दहशत में पाकिस्तानी, अब हुकूमत ने तालिबानी नेताओं से ही मांगी मदद, कहा

[ad_1]

Pakistan Terrorism Issue: पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली (Pakistan Economy Crisis) के बीच बढ़ती आतंकी (Terrorism) गतिविधियों से पाक सेना और सत्‍ता असमंजस की स्थिति में है. इन सबसे बड़ी समस्‍याओं से निपटने का उन्‍हें रास्‍ता नहीं सूझ रहा. इन समस्‍याओं का मूल भी सेना और सत्‍ता की नीतियों से जुड़ा है. पाकिस्‍तान (Pakistan) ने इस्‍लाम के नाम पर एक समय में आतंकियों को कैंप बना-बनाकर ट्रेनिंग दी थी, उसकी ये फित‍रत उन्‍हीं के लिए नासूर बन गई. अमेरिका के अफगानिस्‍तान पर हमले के दौरान पाकिस्‍तान तालिबानियों (Taliban) का पनाहगाह रहा था, आज पाकिस्‍तानी हुकूमत खुद संकट में होने पर तालिबान के आगे गुहार लगा रही है.

पेशावर हमले के बाद दहशत में पाकिस्तान

अफगान-तालिबान की ही छत्रछाया से निकला, टीटीपी, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान कहा जाता है, वो पाकिस्‍तानियों की जान का दुश्‍मन बना हुआ है. बीती 30 जनवरी को पाकिस्‍तान के मस्जिद में हुए आत्मघाती बम धमाके के बाद पाकिस्तान की हुकूमत ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) लगाम लगाने के लिए तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा से दखल देने की मांग की है.

यहां यह समझना मुश्किल नहीं है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पाकिस्‍तानी सेना और सत्‍ता दोनों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. 2014 में भी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पेशावर में एक आर्मी स्‍कूल पर हमला कर सैकड़ों स्‍कूली बच्‍चों को मौत के घाट उतार दिया था. तालिबानी लड़ाके इसी तरह विभिन्‍न रिहायशी इलाकों में जानलेवा हमलों को अंजाम देते रहे हैं. जिसके चलते पाकिस्‍तानी हुकूमत ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को प्रतिबंधित घोषित कर दिया.

पेशावर हमले के बाद बढ़ी हुकूमत की चिंता 

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) प्रतिबंधित होने के बावजूद भी पाकिस्‍तान में खत्‍म नहीं हुआ, बल्कि वह नाक की कील बना हुआ है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पेशावर की मस्जिद में हाल ही में एक हुए आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी ली, जिसमें 30 से ज्‍यादा पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्‍यादा पाकिस्‍तानी लोगों की जानें चली गई थीं. इस हमले के बाद पाकिस्‍तान के कई शहरों में स्‍थानीय लोगों ने व्‍यापक पैमाने पर दहशतगर्दी के खिलाफ प्रदर्शन किए. 

वहीं, पाकिस्‍तानी हुकूमत ने शुक्रवार को पेशावर में एक शीर्ष समिति की बैठक की. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की. बैठक में भाग लेने वालों में सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर, डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट-जनरल नदीम अंजुम, पेशावर कॉर्प्स कमांडर, डीजीएमओ और अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य एवं चार प्रांतों के मुख्यमंत्री शामिल थे. उस बैठक में फैसला लिया गया कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को रोकने के लिए तालिबान के प्रमुख नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के हस्तक्षेप की मांग की जाएगी. यानी मामले को अफगानिस्तान की वर्तमान तालिबानी सत्‍ता के समक्ष उठाया जा रहा है. 

पाक हुकूमत की तालिबान के शीर्ष नेतृत्व से गुहार 

पाकिस्‍तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्‍तानी हुकूमत ने तालिबान के शीर्ष नेतृत्व से यह मांग की है कि वो किसी भी तरह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी को रोकें. पाकिस्‍तानी हुकूमत के प्रतिनिधियों ने कहा कि तालिबान सरकार यह सुनिश्चित करे कि पाकिस्तान को “सीमा पार” आतंकवाद से खतरा नहीं हो.

पाकिस्‍तानी हुकूमत की गुहार पर अभी अफगान सत्‍ता-अधिकारियों की कोई टिप्पणी नहीं आई है. हालांकि टोलो न्यूज में बताया गया कि, अफगान तालिबान के नेता पाकिस्‍तानी हुकूमत को यह साफ कह चुके हैं कि उनकी मौजूदा सरकार अन्य देशों खासकर पाकिस्तान को अफगानिस्तान से खतरा नहीं होने देगी.

शरीया कानून का हिमायती है टीटीपी

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) मुस्लिम समूहों का कट्टर संगठन है, जो दुनिया में आतंकी संगठन के रूप में पहचाना जाता है. कहने को यह अफगानिस्तानी तालिबान का हिस्सा नहीं है, लेकिन उससे जुड़ा हुआ ही है. पिछले 14 साल से यह पाकिस्‍तान में बहुत से हमलों को अंजाम दे चुका है. यह लंबे समय से इस्लामी कानूनों को सख्ती से लागू कराने की पैरवी कर रहा है. साथ ही उसकी मांग है कि उसके सभी नेताओं को जेल से छोड़ा जाए.

यह भी पढ़ें: क्या एटम बम पर सौदेबाजी कर चुका है पाकिस्तान? तहरीक-ए-तालिबान के खत ने बढ़ाई सरकार और सेना की मुश्किलें

#Pakistanis #Fears #TehreekeTaliban #Pakistan #Peshawar #Attack #Pak #Govt #Seeking #Taliban #Top #Leaders #पशवर #हमल #स #दहशत #म #पकसतन #अब #हकमत #न #तलबन #नतओ #स #ह #मग #मदद #कह

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button