Pakistan Man Death Penalty For Blasphemy Federal Investigation Agency Declared Was Him Guilty
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Pakistan Blasphemy Case: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक शख्स को ईशनिंदा के नाम पर मौत की सजा सुना दी गई. यह फैसला पेशावर की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने सुनाया, जहां एक मुस्लिम को ही व्हाट्सएप ग्रुप में ईशनिंदा से जुड़ा कमेंट डालने का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई. कोर्ट ने शख्स पर 12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
कोर्ट के फैसले में कहा गया कि ईशनिंदा मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जिससे हिंसा भड़क सकती है. और, जिस शख्स ने ऐसा किया, वो मौत की सजा के काबिल है. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, शख्स का नाम सैयद मुहम्मद जीशान है. उस पर आरोप था कि उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप में ईशनिंदा से जुड़ा कंटेंट पोस्ट किया था. उसकी शिकायत किए जाने पर पाकिस्तान की फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने उसका फोन जब्त कर लिया था.
ईशनिंदा का दोषी ठहराया, फिर सुनाई मौत की सजा
एजेंसी ने बाद में जीशान को ईशनिंदा का दोषी माना. उसके बाद अब पेशावर की कोर्ट ने जीशान मामले में ‘सजा-ए-मौत’ का फैसला सुनाया है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने उसे इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम और आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दोषी ठहराया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सैयद जकाउल्ला नामक शख्स के बेटे सैयद मुहम्मद जीशान को दोषी पाया गया है. ये फैसला आते ही पाकिस्तान-भर में जीशान की चर्चा होने लगी.
2 दशक में सैकड़ों लोगों पर ईशनिंदा के मुकदमे
गौरतलब हो कि पाकिस्तान में शरिया कानून के हिमायती बहुतायत में मिलते हैं. शरिया कानून में इंसानों के लिए छोटे-छोटे जुर्म के लिए भी कठोर सजा के प्रावधान हैं. पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामलों में दोषी को मौत की सजा दी जाती है. आंकड़ों की मानें तो पिछले 20 सालों में यहां 774 मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के 760 सदस्यों पर ईशनिंदा के आरोप लगे. जिनमें आरोपियों को मौत की सजा का सामना करना पड़ा.
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