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Mamta Banerjee, Mallikarjun Kharge, MK Stalin, Nitish Kumar What Are These Leaders Saying These Days On Opposition Unity In 2024


Opposition Parties Unity For Lok Sabha Election: बीजेपी के मुकाबले साल 2024 में कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष के तौर उभरती कम ही दिख रही है. भले ही गुरुवार (2 मार्च) को विधानसभा उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस (Congress) के लिए कुछ राहत लेकर आए हों. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में 1-1 सीट पर जीत दर्ज कर ली हो, लेकिन पूर्वोत्तर के 3 राज्यों त्रिपुरा, नगालैंड यहां तक मेघालय विधानसभा चुनावों के नतीजे उसकी उम्मीद तोड़ रहे हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस की अगुवाई में एकजुट विपक्ष का दम भरने वाली पार्टियां एकल राग अलाप रही हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस से मिली हार से उखड़ी हुई हैं. उन्होंने इसके बाद तुरंत एलान किया कि वो बगैर किसी राजनीतिक दल के गठबंधन के साल 2024 में चुनावों में उतरेंगी.

इस सबके बीच बीजेपी पूर्वोत्तर के राज्यों में जीत से खासी उत्साहित है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को लेकर कहा कि 2 राज्यों में कांग्रेस दूरबीन से भी नहीं दिखाई दे रही है. अब सवाल ये उठता है कि अगले साल आने वाले चुनाव में बीजेपी के मुकाबले मजबूत विकल्प के तौर पर कौन उभरता है. 

‘कांग्रेस की हालत हर दिन बद से बदतर हो रही’

कर्नाटक के बीदर से शुक्रवार (3 मार्च) को विजय संकल्प यात्रा दौरे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में कांग्रेस को मिली हार पर कहा कि पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में बीजेपी एनडीए की सरकार बन रही है. ये लगातार दूसरी बार है.  उन्होंने कहा कि त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के नतीजे आ गए हैं. तीनों राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है, वो हारे तो हारे ऐसे हारे कि दूरबीन लेकर भी नहीं दिख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था कि बीजेपी पूर्वोत्तर में घुस नहीं सकती, लेकिन इन राज्यों में दूसरी बार हम सरकार बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर से लेकर यूपी, कर्नाटक, गुजरात हर तरफ तक पीएम मोदी का जादू चल रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास जीत का कोई फॉर्मूला नहीं है. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की हालत हर दिन बद से बदतर होती जा रही है. 

‘बीजेपी के साथ काम करते हैं,हम उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकते’

बंगाल की सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस से मिली के बाद कहा कि वो साल 2024 के चुनावों में बगैर किसी राजनीतिक दल के गठबंधन के उतरेंगी. इसमें कांग्रेस के उम्मीदवार बायरन विश्वास ने टीएमसी के देबाशीष बनर्जी को  22,986 वोटों से हराया. माकपा और कांग्रेस पर बीजेपी के साथ सांठगांठ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “यदि अपवित्र गठबंधन होगा तो कांग्रेस बीजेपी से कैसे लड़ेगी? बीजेपी विरोधी वामपंथी बीजेपी से कैसे लड़ेंगे?”

सीएम बनर्जी ने इसे लेकर कहा कि कांग्रेस, वामपंथी और बीजेपी सभी ने सागरदिघी में ‘सांप्रदायिक कार्ड’ खेला है. अंतर यह है कि बीजेपी ने इसे सामने आकर खेला है, लेकिन माकपा और कांग्रेस ने भी बहुत हद तक ऐसा किया है. उन्होंने कहा, “यह एक सबक है कि हमें माकपा या कांग्रेस की बात नहीं माननी चाहिए, जो बीजेपी के साथ काम करते हैं, हम उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं.”

उन्होंने कहा, ‘2024 में हम टीएमसी और लोगों के बीच गठबंधन पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे, हम किसी भी अन्य राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं जाएंगे. हम अकेले ही लोगों के समर्थन से  लड़ेंगे.’

‘विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ आएं’

चेन्नई में सत्ताधारी पार्टी डीएमके के मुखिया और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बर्थडे (1 मार्च) पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि एक जैसी विचारधारा वाले विपक्ष की सभी पार्टियों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक संग आना चाहिए. उन्होंने विपक्षी एकता की कोशिशों को लेकर कहा कि हम एकजुट होकर 2024 का चुनाव लड़ना चाहते हैं.

गौरतलब है कि 4 साल पहले ही 2019 में कांग्रेस ने गठबंधन का नेतृत्व करने का अपना इरादा साफ कर दिया था. उन्होंने इस दौरान कहा कि पीएम का चेहरा या नेतृत्व में कौन होगा इसके इतर उनकी इच्छा है कि हम सभी एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़े. 

इस दौरान वहां मौजूद नेशनल कांफ्रेस के चीफ का कहना था कि जब हम सब एकजुट होंगे और जीत हासिल कर लेंगे उसके बाद तय किया जाएगा कि देश के नेतृत्व के लिए सबसे बेहतर कौन है. उन्होंने एमके स्टालिन के पीएम बनने को लेकर कहा कि वो भी पीएम बन सकते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. 

‘गैर कांग्रेसी गठबंधन मुश्किल है’

सीएम स्टालिन ने कहा कि 2024 चुनाव का मकसद सत्ता पर कौन काबिज होगा नहीं बल्कि किस पार्टी को सत्ता में न आने देना होना चाहिए. उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय राजनीति को क्षेत्रीयता के  चश्मे से न देखने को कहा. उन्होंने कहा कि इससे विपक्ष नुकसान में रहेगा. स्टालिन ने जोर देकर कहा कि हमें एकजुट होकर जीत के लिए रणनीति तैयार करने की जरूरत है, राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो बीजेपी को हर हाल में सत्ता से जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि गैर कांग्रेसी  गठबंधन मुश्किल है और बीजेपी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस का साथ जरूरी है. सभी दलों को 2024 में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपने मतभेद भुला देने चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि तीसरे मोर्चे की बात करना बेकार है.

‘बीजेपी 100 सीटों पर सिमट जाएगी’

बीते हफ्ते पूर्णिया में महागठबंधन की रैली में जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, ” यदि कांग्रेस संग सभी विपक्षी दल आने वाले लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ते हैं, तो बीजेपी को 100 सीटों से कम पर सिमटने से कोई नहीं रोक सकता है.” दरअसल बिहार के सीएम और एनसीपी चीफ शरद पवार कांग्रेस के संग विपक्षी एकता को लेकर एकमत है, लेकिन देश के पीएम के चेहरे को लेकर मामला साफ नहीं है. 

‘देश में अघोषित आपातकाल लागू कर रखा है’

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के जन्मदिन पर पहुंचे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की राय भी कुछ अलग नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक कल्याण में यकीन रखने वालों दलों के मिलने की जगह है. उन्होंने बीजेपी पर जुबानी हमला बोला और कहा कि विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि देश में बीजेपी ने आपातकाल वाला माहौल बना रखा है. उन्होंने वहां मौजूद सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं से ये पक्का करने को कहा कि सब बीजेपी के खिलाफ एक साथ 2024 के चुनावों में उतरे. उन्होंने का कि उनके राज्य ने प्रयोग की राह दिखा दी है. एकसी विचारधारा वाली पार्टियों को साथ आना चाहिए.

‘2024 में एनसीपी कांग्रेस का साथ देगी’

एनसीपी चीफ शरद पवार ने बीते महीने बुधवार (22 फरवरी) को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी की तारीफ ही नहीं कि बल्कि साफ कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का साथ निभाएगी.

उन्होंने कांग्रेस को बड़ी पार्टी करार दिया और कहा कि उसे नेतृत्व करने देना चाहिए और हम इसे स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल ही एक अकेले ऐसे नेता है जो राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि टीएमसी जैसी पार्टियों कांग्रेस से एक राय नहीं रखती है. 

‘ कांग्रेस के बगैर विपक्ष का एकजुट होना मुश्किल ‘

हाल ही में सामना के एक लेख में उद्धव ठाकरे राहुल गांधी की तारीफ में कसीदे पढ़े थे. उन्होंने लिखा,” राहुल गांधी का नेतृत्व ‘भारत जोड़ो’ यात्रा से ताकतवर और पक्ता हुआ है. वो पूरे देश में पैदल ही नहीं चले बल्कि संसद सत्र में हिंडनबर्ग और मोदी-अडानी दोस्ती पर जोरदार हमला बोला और मोदी का वस्त्र हरण किया. राहुल के प्रश्नों का मोदी जवाब तक नहीं दे पाए.”

उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के एक बयान को दोहराया कि कांग्रेस के बगैर विपक्ष का एकजुट होना मुश्किल है. उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले चुनाव को लेकर चर्चा होनी आवश्यक है और अगर इसके लिए कांग्रेस पहल करें तो कोई परेशानी नहीं है. 

‘विपक्ष एक हो या न हो, जनता का एक होना जरूरी’

बीते हफ्ते एबीपी के आइडियाज ऑफ इंडिया में अरविंद केजरीवाल -विपक्षी एकता के मुद्दे पर कहा कि विपक्ष एक हो या न हो, जनता का एक होना आवश्यक है.  2024 के ‘आप’ के एजेंडे पर उन्होंने कहा कि इस हम सब मिलकर काम कर रहे हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा, ”मैं एक बात बताता हूं, हमारे देश में लोकतंत्र मतलब जनता का शासन है विपक्ष तंत्र नहीं है.

विपक्ष एक हो या न हो वो जरूरी नहीं है, जनता का एक होना जरूरी है. उस जनता की आवाज उठाने के लिए मीडिया में साहस होना भी जरूरी हैं.”उन्होंने जनता को बेवकूफ न समझने को कहा और कहा कि ये बड़ी सयानी है. सब देख रही है. जिस दिन ये खड़ी हो गई तो बड़े-बड़े सिंहासन हिल जाने हैं. उन्होंने कहा विपक्ष में एकजुट होकर किसी को बना या बिगाड़ सकने की क्षमता नहीं है, जनता तैयार है और बदलाव चाहती है.

‘399 बाद बीजेपी सत्ता से बाहर होगी’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में थे. उन्होंने उनकी शान में कसीदे पढ़े. अखिलेश ने स्टालिन की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भी समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि स्टालिन एक दिन बड़ी राजनीतिक ऊंचाई पर पहुंचेंगे और राष्ट्रीय परिदृश्य में अपना मुकाम हासिल करेंगे.

वहीं जनवरी 2023 में तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति की रैली में वो कह चुके हैं कि बीजेपी के 399 दिनों के बाद सत्ता से बाहर होते ही 400वें दिन नई सरकार बनेगी. उन्होंने दावा किया कि सत्ता पर काबिज बीजेपी देश को पीछे धकेल रही है और यह वक्त सभी प्रगतिशील नेताओं के एक संग आने और देश के विकास के लिए काम करने का है.

अखिलेश ने ये भी कहा कि केसीआर ने खम्मम की इस ऐतिहासिक धरती पर इतनी अधिक भीड़ इकट्ठा की है और पूरे देश को एक संदेश दे दिया है. दरअसल आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस जैसे दल कांग्रेस के बगैर विपक्षी एकता चाहते हैं.  

‘बीजेपी सत्ता में रही तो भारत पाकिस्तान की तरह हो जाएगा’

तेलंगाना के सीएम केसीआर ने महबूबाबाद जिले में जनवरी 2023 में  एक जनसभा में कहा था कि अगर बीजेपी सत्ता में रही तो भारत पाकिस्तान की तरह हो जाएगा. उन्होंने कहा था कि देश की प्रगति के लिए लोगों को शांति और सद्भाव की जरूरत है, जहां सभी नागरिकों की भलाई की गारंटी दी जा सके. 

भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष केसीआर कांग्रेस से भी दूर होते नजर आ रहे हैं. वो विपक्षी दल को एक मंच पर लाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस के बगैर. अप्रैल में हैदराबाद की रैली में रेनबो अलांयस बनाने के लिए उन्होंने सपा के अखिलेश यादव, आरजेडी के तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, जेडीएस के एचडी देवगौड़ा, डीएमके के एमके स्टालिन, केरल के सीएम पिनराई विजयन, जेएमएम चीफ हेमंत सोरेन, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार को बुलावा भेजा है. 

लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव हैं. यहां बीआरएस के खिलाफ कांग्रेस ही है. वहीं बीजेपी भी तेलंगाना में अपना आधार बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है. ऐसे में सवाल नहीं उठता कि केसीआर राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे गठबंधन में शामिल हों जिसमें कांग्रेस या बीजेपी हों. केसीआर एक ऐसी सोच पर चुनावों में उतरना चाहते हैं बीजेपी के विरूद्ध हो और जिसमें कांग्रेस न हो.

ये भी पढ़ेंः Lok Sabha Election 2024: ‘टीएमसी 2024 के चुनाव में अकेले लड़ेगी’, ममता बनर्जी के इस झटका देने वाले बयान पर क्या बोली कांग्रेस?

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