Maldives Politics Crisis Ibrahim Mohamed Solih Mohamed Nasheed, Abdulla Yameen FIGHT Benificial For China Not For India

Maldives Politics: दक्षिण एशियाई देश मालदीव में सियासी बवाल मचा हुआ है. यहां सत्ताधारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) 2 शीर्ष नेता आपस में ही भिड़ गए हैं. दोनों अपने आपको एमडीपी का असली हकदार बता रहे हैं. इसमें भारत के लिए चिंता की बात यह है कि ये दोनों नेता भारत के करीबी हैं, ऐसे में यदि पार्टी की दो फाड़ होती है तो इसका असर भारत के साथ संबंधों पर पड़ सकता है.
मालदीव में चीन की बड़ी दिलचस्पी है, ऐसे में वहां हो रहे सियासी बवाल का फायदा चीन उठा सकता है. हालांकि बवाल ज्यादा न हो इसे ध्यान में रखकर एमडीपी एक प्राइमरी चुनाव करवा रही है. इसमें एक ओर मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह हैं तो दूसरी ओर उनके पूर्व सहयोगी और देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता मोहम्मद नशीद हैं. इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और मोहम्मद नशीद एक-दूजे के खिलाफ हैं.
मालदीव में फिर पनपा सियासी संकट
नशीद ने शनिवार को एक प्रचार अभियान में चुनाव को निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच एक विकल्प के रूप में बताया. साथ ही उन्होंने सोलिह पर वोटों की धांधली और रिश्वतखोरी के आरोप भी लगाए. उधर, राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. दोनों के बीच विवाद का अतीत मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हराकर सत्ता से बाहर किए जाने के समय से बताया जा रहा है. यहां पहले भी राजनीतिक उथल-पुथल मची थी, तब लोकतंत्र को लेकर हिंसक घटनाएं हुई थीं.
एक ही पार्टी के नेताओं की भिड़ंत
बहरहाल, लोगों को आशंका है कि मालदीव में सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) विभाजित हो सकती है. एक पत्रकार फजीना अहमद का कहना है कि मालदीव ने इससे ज्यादा विवादास्पद प्राइमरी चुनाव कभी नहीं देखा है. उन्होंने कहा, ”नशीद और सोलिह की प्रचार टीमों ने रेड लाइन पार कर ली है. वे एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं. इन हालातों के कारण हर किसी के मन में यह सवाल है कि प्राइमरी चुनाव के बाद एमडीपी का क्या होगा.”
चीन उठा सकता है इस बवाल का फायदा!
मालदीव में पनपा यह सियासी संकट चीन के लिए ‘गुड न्यूज’ के रूप में देखा जा रहा है. चीन भारत के खिलाफ एशियाई देशों को लामबंद करने की कोशिश करता रहा है. हिंद महासागर में स्थित मालदीव चीन के लिए बेहद जरूरी देश है, क्योंकि उसे यदि भारत के विरुद्ध अपनी कूटनीति में कामयाब होना है तो नेपाल की तरह यहां भी हस्तक्षेप करेगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नशीद और सोलिह विवाद का चीन को फायदा होगा. यहां पर, अब्दुल्ला यामीन चीनी समर्थक नेता माने जाते हैं, जो राष्ट्रपति का चुनाव हारने के बाद से ही ‘इंडिया आउट’ कैंपन चला रहे हैं. आशंका ये भी जताई जा रही हैं कि कहीं अब्दुल्ला यामीन की वापसी न हो जाए, ऐसा हुआ तो यह भारत के लिए अच्छा नहीं होगा.
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