Maharashtra Politics Eknath Shinde Shiv Sena Neta Neelam Gorhe Udhhav Thackeray | कौन हैं नीलम गोरे जो उद्धव गुट छोड़ शिंदे सरकार में बनीं ‘नेता’, जानें

Neelam Gore Profile: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नीलम गोरे को शिवसेना में नेता नियुक्त किया है. पार्टी अध्यक्ष के बाद सबसे वरिष्ठ नेता को यह पद दिया जाता है. शिवसेना (यूबीटी) की विधायक नीलम गोरे शुक्रवार (7 जुलाई) को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट में शामिल हुईं थीं. नीलम गोरे उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना की पूर्व नेता हैं. वह साल 2002 से लगातार विधान परिषद के लिए चुनी जा रही हैं. नीलम गोरे एक जाना माना चेहरा है और लंबे समय से राजनीति में एक्टिव हैं.
कौन हैं नीलम गोरे?
- नीलम गोरे साल 2002, 2008, 2014 और 2020 में चार बार विधान परिषद के लिए चुनी गईं. 7 जुलाई 2022 में नीलम गोरे महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति बनीं.
- नीलम गोरे के एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती हैं. साल 1987 में उन्होंने एक सोशल वर्कर के तौर पर काम किया. इसके अलावा नीलम कई सामाजिक आंदोलन का भी हिस्सा रही. धीरे-धीरे उनकी रूचि राजनीति की तरफ बढ़ी और उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया.
- नीलम गोरे शिवसेना की एक वफादार सदस्य रही हैं, 2002 से एमएलसी के रूप में कार्यरत हैं और तीन बार उच्च सदन के लिए फिर से नामांकित हुई हैं.
- नीलम गोरे राजनीति के साथ-साथ उद्धव ठाकरे की सहायक भी थी, जिसके बाद अब नीलम ने देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में शिंदे गुट का हाथ थाम लिया.
- नीलम गोरे का जन्म 1954 में हुआ था और उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है
नीलम गोरे ने इस मौके पर कहा, एकनाथ शिंदे के कुशल नेतृत्व में शिवसेना सही दिशा में आगे बढ़ रही है. मैंने महिलाओं के मुद्दों और राज्य तथा देश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने नीलम गोरे के अपनी पार्टी में शामिल होने को ”ऐतिहासिक” घटनाक्रम बताया था. नीलम गोरे शिंदे खेमे में शामिल होने वाली विधान परिषद की तीसरी शिवसेना सदस्य हैं.
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