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Maharashtra Political Crisis: शिवसेना में हुए दोफाड़ के बाद से महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और पूर्व पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के गुटों के विधायकों और सांसदों के बीच खींचतान जारी है. इस बीच शिंदे गुट के शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने बुधवार (27 सितंबर) को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने ठाकरे गुट के 4 लोकसभा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयारी शुरू कर दी है. 

शिंदे गुट के शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) गुट के 4 लोकसभा सांसदों पर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने बताया कि शिवसेना ने महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग के लिए पार्टी के सभी सांसदों को व्हिप जारी किया था. इसके बावजूद ठाकरे गुट के सांसद वोटिंग से गैर-हाजिर रहे.

‘सभी शिवसेना के सांसद, फिर भी किया उल्लंघन’
राहुल शेवाले ने आरोप लगाते हुए कहा कि कानूनन पार्टी का नाम, निशान एकनाथ शिंदे के साथ है और सभी सांसद शिवसेना के हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा में उन सांसदों के ग्रुप लीडर के तौर पर उन्होंने व्हिप जारी किया था, लेकिन व्हिप का उल्लंघन किया गया. उन्होंने आगे कहा कि महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग के दौरान विनायक राउत, राजन विचारे, संजय जाधव और ओमराजे निंबालकर मौजूद नहीं थे. गौरतलब है कि ये सभी सांसद यूबीटी गुट के हैं.

सीएम शिंदे ने दिए कार्रवाई के आदेश- राहुल शेवाले 
शिवसेना सांसद ने कहा, ‘इसके अलावा हमने एक बैठक भी बुलाई थी. उस बैठक में भी लोकसभा के ये चार सांसद नहीं आए थे.’ उन्होंने कहा कि सीएम शिंदे ने इन चारों सांसदों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं और अब हम इन चारों सांसदों पर कार्रवाई करने वाले हैं. उन्होंने बताया कि कानूनी तरीके से इसके दस्तावेज लीगल टीम रेडी कर रही है, जो लोकसभा स्पीकर को भी दिए जाएंगे. 

विधायकों के खिलाफ अयोग्यता पर कब होगा फैसला?
शिवसेना में हुई टूट के बाद विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है. इस बीच ठाकरे गुट ने शिंदे गुट के खिलाफ एक और कदम उठाया है. ठाकरे गुट ने एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है, जिसमें पांच बिंदु शामिल किए गए हैं. ठाकरे गुट की दलील है कि इस मामले में जिरह की जरूरत नहीं है.

ठाकरे गुट की ओर से दायर हलफनामे में दिए गए हैं ये पांच बिंदु…

1- राज्यपाल ने बहुमत साबित करने को लेकर सत्ताधारियों को पत्र भेजा.
2- 30 जून को मुख्यमंत्री ने शपथ ली.
3- सुप्रीम कोर्ट ने व्हिप की नियुक्ति पर आपत्ति जताई.
4- दोनों गुटों द्वारा दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया है. दोनों गुटों के दस्तावेज विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं.
5- सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजों के दस्तावेज उपलब्ध हैं.

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