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LPG Price Increased 56 Percent In Last Four Years And Subsidy Also Reduced


LPG Price Hiked: देश में हाल ही में 1 मार्च को लोगों को महंगाई का डबल झटका लगा जब एलपीजी के घरेलू और कमर्शियल प्राइस दोनों में जोरदार बढ़त देखी गई. लोगों को होली से पहले ही महंगाई का वार झेलना पड़ा और इसको लेकर सरकार को आलोचना का सामना भी करना पड़ा है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के ऊपर हमला बोला पर सरकार की ओर से इसे लेकर कोई जवाब नहीं आया है.

एलपीजी के दाम में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है

हाल ही में 14.2 किलोग्राम घरेलू लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद सिलेंडर की कीमत 1103 रुपये तक पहुंच गई. लेकिन आंकड़ों से पता चला है कि सिलेंडर की कीमतों में पिछले चार सालों में लगभग 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 1 अप्रैल, 2019 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) का रिटेल बिक्री प्राइस (आरएसपी) 706.50 रुपये था, जो 2020 में बढ़कर 744 रुपये, 2021 में 809 रुपये और 2022 में 949.50 रुपये हो गया. इस साल 1 मार्च को कीमत 1053 रुपये से बढ़कर अब 1103 रुपये हो गई.

सब्सिडी में काफी कमी आई

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जहां पिछले कुछ सालों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में एलपीजी पर कुल सब्सिडी में काफी कमी आई है. पिछले चार सालों में सरकार द्वारा दी गई एलपीजी पर सब्सिडी के विवरण से पता चलता है कि यह 2018-19 में 37,209 करोड़ रुपये थी और 2019-20 में घटकर 24,172 करोड़ रुपये, 2020-21 में 11,896 करोड़ रुपये और 2021-22 में 1811 करोड़ रुपये रह गयी.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों की कीमतें बढ़ने से हुआ असर

पेट्रोलियम मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश में एलपीजी सहित पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों की कीमत से जुड़ी हैं. सऊदी सीपी की औसत कीमतें, जिन पर घरेलू एलपीजी की कीमतें आधारित हैं, 2019-20 से 2021-22 के दौरान 454 अमेरिकी डॉलर/एमटी से बढ़कर 693 अमेरिकी डॉलर/एमटी हो गई. मंत्रालय ने हाल ही में संसद में एक जवाब में कहा, 2022-23 के दौरान औसत सऊदी सीपी फरवरी 2023 तक यूएस डॉलर 710/एमटी तक बढ़ गया है. हालांकि, सरकार घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत को संशोधित करना जारी रखती है. सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भारी नुकसान हुआ है.

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना का हाल जानें

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना (पीएमयूवाई) 2016 में गरीब परिवारों की महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, जिसके तहत 8 करोड़ कनेक्शन दिए गए थे. उज्‍जवला 2.0 के तहत, सभी पीएमयूवाई लाभार्थियों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन के अलावा एक मुफ्त पहली रिफिल और स्टोव भी प्रदान किया जाता है. उज्‍जवला 2.0 के तहत 1 फरवरी, 2023 तक 1.6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से उज्‍जवला लाभार्थियों को तीन मुफ्त एलपीजी रिफिल प्रदान करने की योजना की घोषणा की.

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को हो रहा है घाटा

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने एलपीजी रिफिल खरीदने के लिए पीएमयूवाई लाभार्थियों के बैंक खातों में 9670.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए और पीएमयूवाई लाभार्थियों ने योजना के तहत 14.17 करोड़ रिफिल का लाभ उठाया. पीएमयूवाई लाभार्थियों द्वारा एलपीजी के उपयोग को और प्रोत्साहित करने के लिए, मई 2022 से, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक साल में 12 रिफिल तक पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को 200 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम रिफिल की अतिरिक्त लक्षित सब्सिडी शुरू की है.

मंत्रालय ने यह भी बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भारी नुकसान हुआ है. इन नुकसानों की भरपाई के लिए सरकार ने हाल ही में एलपीजी के लिए 22000 करोड़ रुपये के एकमुश्त मुआवजे को मंजूरी दी है.

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