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LIC India Is Not Investing Further In Adani Group Of Adani Companies | Adani Group: LIC के चेयरमैन का बड़ा बयान, कहा


Adani LIC Investment In Adani Group : देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC India) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. देश के बड़े कारोबारी अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों में एलआईसी की तरफ से फिलहाल कोई और नया निवेश नहीं करने का फैसला किया गया है. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर मार्केट में काफी गिरावट देखने को मिली है. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर अब सस्ते भाव पर मार्केट में उपलब्ध है. अडानी ग्रुप को 15 दिन के अंदर काफी बड़ा नुकसान हुआ है. जानिए क्या है नया अपडेट….

अडानी ग्रुप में निवेश पर हुआ विवाद

एलआईसी को अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में निवेश करना काफी भारी पड़ा है. देश में LIC को अडानी ग्रुप में निवेश करने के कारण काफी विवादों का सामना करना पड़ा है. इससे पहले चर्चा थी कि, LIC का टॉप मैनेजमेंट अडानी समूह के के साथ बातचीत करने जा रहा था. वही हिंडनबर्ग के आरोपों और उसके बाद पैदा हुए हालात को लेकर अपने बचाव में फैसला लेना काफी जरूरी हो गया है. इससे LIC में निवेशकों का पैसा भी फसा हुआ है. 

निवेश को निकलने की जरूरत 

न्यूज चैनल CNBC-TV18 से एलआईसी के चेयरमैन एम. आर. कुमार (M R Kumar Chairman LIC) ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि, हम कुछ भी करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने यह साफ कर दिया है कि शेयर बहुत कम समय में तेजी से गिरे हैं. ऐसे में यह फैसला लेना सही नहीं था कि अडानी ग्रुप में जो उसका निवेश है, उसे बेचकर निकलने की जरूरत थी या इससे जुड़ा कोई और कदम लेना था. उन्होंने यह भी कहा, ‘मुझे फैसला करना है या नहीं, इस बारे में फैसला करने के लिए भी यह बहुत कम समय था.

अडानी ग्रुप में LIC का निवेश 

सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले कई सालों में अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी ने कुल 30,127 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस बारे में चेयरमैन एम आर कुमार ने भरोसा जताया है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट और बाजार के खराब प्रदर्शन से एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. इसके निवेश पर पॉजिटिव रिटर्न मिला है.

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एफपीओ लेना पड़ा वापस 

पिछले 2 हफ्तों में एक अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर काफी तेजी से गिर गए है. इससे अडानी ग्रुप और शॉर्ट-सेलर के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है. अडानी ग्रुप को शेयरों मे तेज गिरावट देखने को मिली है. इसके कारण अडानी ग्रुप को अपना FPO पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाने के बावजूद वापस लेना पड़ा था. 

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