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Know The Complete Details Of Rani Mukherjee Film Mrs Chatterjee Vs Norway


Mrs Chatterjee Vs Norway: रानी मुखर्जी हमेशा से ही अलग तरह के किरदार निभाने में यकीन  करती आईं हैं. उनकी जल्द रिलीज़ होने जा रही अगली फ़िल्म ‘मिसेस चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ की कहानी भी कुछ ऐसी है जिसमें रानी मुखर्जी एक ऐसी मां के किरदार में हैं जिन्हें अपने ही बच्चों से अलग कर दिया जाता. फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे नॉर्वे की सरकार अपने देश के क़ानूनों का हवाला देकर वहां रह रहे भट्टाचार्य परिवार पर सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप बच्चों की परवरिश नहीं किये जाने का इल्जाम लगाती है और फिर उनसे उनके दोनों बच्चों को  छीन लेती है.

रिलीज के लिए तैयार मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे

‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है. हाल ही में ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ ‌के ट्रेलर के रिलीज़ किए जाने के बाद इस फ़िल्म में दर्शाये गये विषय की ख़ूब चर्चा हो रही है और विदेशों में रहनेवाले अभिभावकों से जुड़ा ये मसला एक बार फ़िर से सुर्खियों में आ गया है. दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले कई परिवार इस तरह की परेशानियों और परिस्थितियों से गुज़र चुके हैं जो अब फ़िल्म के ट्रेलर के रिलीज़ किए जाने के बाद आपबीती को भावुकता के साथ बयां कर रहे हैं.

रानी मुखर्जी ने निभाई अहम भूमिका

रानी मुखर्जी की फ़िल्म सागरिका भट्टाचार्य की असल ज़िंदगी से प्रेरित हैं. सागरिका भट्टाचार्य ने फ़िल्म के ट्रेलर को देखने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपनी ज़िंदगी के मुश्क़िल हालातों पर बनी फ़िल्म का ट्रेलर देखना उनके लिए एक बेहद जज़्बाती पल था.

उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए इसे लफ़्ज़ों में बयां कर पाना काफ़ी मुश्क़िल है कि अपनी कहानी को देखकर मुझे कैसा महसूस हो रहा है. मुझे ऐसा लगा कि मैं दोबारा से वही लड़ाई लड़ रही हूं. लोगों के लिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि आज भी प्रवासी मां-अभिभवकों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है.’

ग़ौरतलब है कि साल 2011 में सागरिका भट्टाचार्य और अनुरूप भट्टाचार्य पर तीन साल के बेटे अविज्ञान और एक साल की बेटी ऐश्वर्या को अपने बिस्तर पर सुलाने, सही तरीका का भोजन नहीं खिलाने, सही तरह के कपड़े नहीं पहनाने से लेकर तमाम तरह के आरोप लगाए गये थे जिसके बाद नॉर्वे के अधिकारियों ने दोनों बच्चों को अपनी कस्टडी में लिया था और फिर शुरू हुआ बच्चों को वापस पाने का सागरिका और अनुरूप का संघर्ष जो काफ़ी लम्बा चला.

सागरिका भट्टाचार्य ने ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ जैसी फ़िल्म बनाए जाने पर कहा, ‘रानी मुखर्जी ने जिस तरह से मेरे दुख-दर्द और मेरे बच्चों को वापस पाने के संघर्ष को जीवंत अंदाज़ में पर्दे पर पेश किया, उसके‌ लिए मैं रानी मुखर्जी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. रानी मुखर्जी ख़ुद भी एक मां है और मैं उनकी  शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने एक मां की दर्द भरी दास्तां को बेहद गरिमा के साथ पर्दे पर उतारा है. उन्हें ट्रेलर में देखकर मैं अपने आंसुओं को नहीं रोक पाई.”

ग़ौरतलब है कि सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों को नॉर्वे के बाल कल्याण विभाग ने अपने देश के दिशा-निर्देशों के विपरीत और भारतीय आदतों के मुताबिक पालन-पोषण करने के आरोप में बच्चों को अपनी हिरासत में ले लिया था. लेकिन सागरिका भट्टाचार्य का कहना है, ‘आखिर मैं भी एक मां हूं और एक मां के तौर पर मेरे भी तो कुछ अधिकार हैं.’ खैर, इसके बाद भट्टाचार्य परिवार ने बच्चों को नॉर्वे के सरकारी चंगुल से छुड़ाने के लिए लगभग एक साल तक क़ानूनी लड़ाई लड़ी. उल्लेखनीय है कि इस दौरान नॉर्वे के अधिकारियों ने यहां तक दावा किया कि सागरिका भट्टाचार्य एक मां के रूप में अपने बच्चों पालने के लिए मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं!

बाद में यह मामला भारत और नॉर्वे की मीडिया की नज़र में आया जिसके बाद यह मसला सुर्खिंयों में छा गया. मामला इस क़दर आगे बढ़ा कि भारत सरकार को इसमें दखल देना पड़ा. तत्कालीन विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने नॉर्वे के विदेश मंत्री से मुलाक़ात की. इस मसले को सुलझाने के लिए लम्बी चली कोशिशों के बाद यह तय किया गया कि सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्ची की कस्टडी भारत में रहनेवाले बच्चों के चाचा अरुणाभास भट्टाचार्य (27) को सौंपी जाएगी. इसके बाद सागरिका ने अपने बच्चों की कस्टडी के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. साल 2013 में कोर्ट ने यह फ़ैसला दिया कि दोनों बच्चों की कस्टडी सागरिका भट्टाचार्य को सौंपी जाए.

सागरिका भट्टाचार्य की इसी संघर्षमय कहानी पर बनी फ़िल्म ‘चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ के ट्रेलर के रिलीज़ के बाद सागरिका की तरह ही विभिन्न देशों में अपने साथ हुए इसी तरह के अनुभवों को बयां करना शुरू कर दिया. इससे साफ़तौर पर समझा जा सकता है कि ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ ने सिनेमाघरों में रिलीज़ से पहले ही अपना असर दिखाना शुरू कर कर दिया है. आशिमा छिब्बर द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म 17 मार्च को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी.

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