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Jamiat Ulema-e-Hind Chief Mahmood Madani Said India Belongs To Mahmood As Much As It Belongs To Modi And Bhagwat

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Jamiat Ulema-e-Hind News: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस्लामोफोबिया (Islamophobia) में कथित वृद्धि पर चिंता जाहिर की है. जमीयत ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों को विशेष रूप से दंडित करने के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) ने शुक्रवार (10 फरवरी) को कहा कि ये वतन जितना नरेंद्र मोदी (PM Modi) और मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का है, उतना ही ये वतन महमूद का भी है.

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि महमूद इनसे एक इंच आगे ही है. इस्लाम की पैदाइश है. ये इस्लाम की धरती है. ये बोलना की इस्लाम बाहर से आया है, ये गलत होगा. इस्लाम सारे धर्मों में सबसे पुराना धर्म है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने देश में हेट कैंपेन और इस्लामोफोबिया में कथित बढ़ोतरी सहित कई प्रस्तावों को पारित किया है. 

अलग कानून बनाने की मांग की

मदनी दिल्ली के रामलीला मैदान में संगठन के महाधिवेशन को संबोधित कर रहे थे. जमीयत का महाधिवेशन मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में रामलीला मैदान में शुरू हुआ है. महाधिवेशन का पूर्ण सत्र रविवार को आयोजित होगा. उन्होंने मांग की है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों को सजा देने के लिए एक अलग कानून बनाया जाए. जमीयत ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत और उकसावे के मामलों के अलावा इस्लामोफोबिया में वृद्धि हाल के दिनों में हमारे देश में खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है. 

सरकार पर लगाया ये आरोप 

जमीयत (Jamiat Ulema-e-Hind) ने आरोप लगाया कि देश में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के खिलाफ नफरत और उकसावे की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. सबसे दुखद बात यह है कि यह सब सरकार की आंखों के सामने हो रहा है लेकिन वह खामोश है. जमीयत ने कहा कि वह सरकार का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करना चाहता है कि अखंडता कैसे सुनिश्चित की जाए और देश की सकारात्मक छवि कैसे बनाई जाए.

जमीयत की ओर से शुक्रवार को पारित अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों में मतदाता पंजीकरण और चुनावों में बड़ी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रभावी उपाय शामिल थे. जमीयत की ओर से प्रस्तावित कदमों में नफरत फैलाने वाले तत्वों और मीडिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है.

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