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Indian Defence Forces Preparing Standard Operating Procedures To Deal With Chinese Spy Balloon In Future


India Preparation for Chinese Spy Balloons: अमेरिकी आसमान में एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे (Chinese Spy Balloon) के मार गिराए जाने के कुछ हफ्तों बाद, अब भारतीय रक्षा बलों में ऐसी ही स्थिति से निपटने के लिए चर्चा चल रही है. भारत भविष्य में संदिग्ध जासूसी गुब्बारों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सालभर पहले इसी तरह का गुब्बारा भारत में अंडमान (Andaman) के ऊपर देखा गया था. उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. गुब्बारा भारतीय क्षेत्र में तीन-चार दिनों तक देखा गया था और फिर चला गया था. 

रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा अधिकारियों ने बताया, ”रक्षा बलों में मामले को लेकर चर्चा चल रही है और इसे लेकर ज्यादा जानकारी सामने आ रही है. अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि इस तरह के गुब्बारों में स्टीयरिंग मैकेनिज्म (Steering Mechanism) हो सकता है और उन्हें उनके मालिक के फायदे के लिए तैनात किया जा सकता है.”

सरकार को दिया जाएगा प्रजेंटेशन

उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे गुब्बारों से कैसे निपटा जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें निशाना बनाने और नीचे गिराने के लिए किस किस तरह के हथियारों या प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा, इस बारे में चर्चा चल रही है. सूत्रों ने कहा कि भारतीय रक्षा बल योजनाबद्ध प्रतिक्रिया को मजबूत करने और उसकी अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को एक प्रस्तुति देने की योजना बना रहे हैं. रक्षा बलों ने देश में किसी भी बिंदु पर या उसके ऊपर ऐसी चीजों का पता लगाने के लिए मौजूदा रडार नेटवर्क के इस्तेमाल पर भी चर्चा शुरू कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि ऐसी उड़ने वाली चीजों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी अध्ययन किया जा रहा है जो 60,000 फीट से ऊपर उड़ रही है.

बख्शा नहीं जाएगा जासूसी गुब्बारा

अमेरिकी आसमान में गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद भारतीय रक्षा अधिकारियों ने कहा था, ”काफी समय पहले अंडमान के ऊपर गुब्बारे जैसी सफेद चीज देखी गई थी और हमारे लोगों ने उसकी हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें जमीन से ली थी.” हालांकि, गुब्बारे जैसी दिखने वाली चीज का इरादा और उत्पत्ति स्पष्ट नहीं थी. यह साफ नहीं हो पाया था कि वो म्यांमार से आया था या चीन से लेकिन तीन-चार दिनों बाद वह वहां से चला गया था. 

उन्होंने कहा कि उस समय ऐसा समझा गया था कि वो मौसम संबंधी गुब्बारा हो सकता है क्योंकि ऐसे कई गुब्बारे हवा के चलते पाकिस्तान की तरफ से भारतीय क्षेत्र में आ जाते हैं. अधिकारियों ने कहा कि अब अगर ऐसी कोई चीज अंडमान या भारत के किसी अन्य कोई क्षेत्र में दिखाई देती है तो उसका सावधानीपूर्वक अध्ययन किया जाएगा और अगर वह जासूसी चीज हुई तो उसे नीचे लाया जा सकता है.

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