India Set To Beat China In Africa Indian Army Defence Ties AFINDEX Exercise With African Countries Defence Minister Rajnath Singh

Military Exercise With African Countries: अफ्रीकी देशों में अपनी सैन्य पहुंच को बढ़ाने के लिए भारत ने अपनी नीतियों पर कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. अफ्रीका में चीन के सामरिक प्रभाव को कम करने के दिशा में पहल के तौर पर भारतीय सेना महाराष्ट्र के पुणे में इसी महीने अफ्रीकी देशों के साथ सैन्य अभ्यास करेगी. इसी के साथ अफ्रीकी देशों के सेनाध्यक्षों के एक कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया जाएगा.
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार (17 मार्च) को जानकारी देते हुए बताया कि नौ अफ्रीकी देशों के साथ 10 दिनों की AFINDEX अभ्यास इसी महीने 21 मार्च को शुरू होगा. इस सैन्य अभ्यास में यूथोपिया, घाना, केन्या, लेसोथो, नाइजर, सेशल्स, तंजानिया, युगांडा और जांबिया हिस्सा लेंगे.
अफ्रीकी देशों के सेनाध्यक्षों की पहली कॉन्क्लेव
सेना की ओर से बताया गया है कि 11 अन्य अफ्रीकी देश इस सैन्य अभ्यास में अपने पर्यवेक्षकों को भेजेंगे. इन देशों में कांगो, इजिप्ट, नाइजीरिया, रवांडा, जिम्बाब्वे, कैमरून और मोरक्को शामिल है. 2019 के बाद भारत और अफ्रीकी देशों के बीच ये दूसरा सैन्य अभ्यास होने वाला है. जानकारी के अनुसार, सैन्य अभ्यास के साथ ही पहली अफ्रीकी देशों के सेनाध्यक्षों की कॉन्क्लेव भी पुणे में 28 मार्च को होगी.
भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पुणे में होनी वाली सेनाध्यक्षों की कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे. जिसमें 10 अफ्रीकी देशों के सेनाध्यक्षों ने पहले ही हामी भर दी है और 12 देशों की ओर से उनके प्रतिनिधियों को भेजा जाएगा. जानकारी के अनुसार, भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे इस कॉन्क्लेव की मेजबानी करेंगे.
कैसे अफ्रीकी धरती पर घिरेगा चीन?
भारत के पास चीन जैसे आर्थिक और सैन्य साधन नहीं है. इसके बावजूद नई दिल्ली को अफ्रीकी देशों के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर भरोसा है. कहा जा रहा है कि इस सैन्य अभ्यास और सेनाध्यक्षों की कॉन्क्लेव से भारत को अफ्रीकी देशों में अपनी पकड़ और मजबूत करने का मौका मिलेगा. बताना जरूरी है कि अधिकांश अफ्रीकी देश पहले से ही चीन के कर्ज जाल में फंसे हुए हैं. इस स्थिति में भारत के लिए उनसे संबंध मजबूत करना रणनीतिक और सामरिक तौर पर देश को चीन पर बढ़त बनाने का मौका देगा.
भारत-अफ्रीका के रक्षा मंत्रियों का पहला सम्मेलन लखनऊ में 2020 के दौरान हुए डिफेंस एक्सपो से इतर हुआ था. वही, बीते साल गुजरात के गांधीनगर में हुए डेफएक्सपो में भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता हुई थी. एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि बीते तीन सालों में अफ्रीकी देशों में पहुंच बनाना काफी मुश्किल रहा है. आगामी अभ्यास और कॉन्क्लेव भारत-अफ्रीका के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए की गई पहल के तौर पर आधारित होंगे. जिसका उद्देश्य सहयोग के जरिये अफ्रीकी सेनाओं की क्षमता में वृद्धि करना है.
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