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EPFO What Happens If Employer Fails To Deposit Contribution In Employees PF Account Know Details


Employees Provident Fund: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट खोले जाते हैं. इस अकाउंट के तहत नियोक्ता यानी कंपनी और कर्मचारी  दोनों को कंट्रीब्यूशन देना होता है. ऐसे में अगर कंपनी या एम्प्लायर इस अकाउंट में योगदान नहीं देता है या फिर देरी करता है तो कुछ शर्त के तहत इसे जुर्माना देना पड़ सकता है. 

सुप्रीम कोर्ट की ओर फरवरी 2022 में दिए गए एक फैसले के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योगदान में देरी होने पर एम्प्लायर  को हर्जाना कवर करना अनिवार्य है. कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 की धारा 14बी और धारा 7क्यू के तहत ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं. 

पैसा नहीं जमा करने पर कितना देना होगा जुर्माना 

अगर कोई कर्मचारी 0 से 2 महीने की देरी करता है तो प्रति वर्ष की दर से उसे 5 प्रतिशत जुर्माना देना होगा. इसी तरह 2 से 4 महीने की देरी पर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष, 4-6 महीने की देरी पर 15 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर का भुगतान करना होगा. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा कि नुकसान बकाया राशि 100 फीसदी तक सीमित है. 

पीएफ अकाउंट में कितनी जमा करनी होती है राशि 

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के तहत कर्मचारी को बेसिक सैलरी का 12 फीसदी योगदान देना होता है और इतनी ही राशि कंपनी की ओर से भी कर्मचारी के पीएफ खाते में डाली जाती है. कंपनी के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में और बाकी 3.67 फीसदी ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है. इस तरह, कर्मचारी के वेतन का कुल 24 प्रतिशत उसके ईपीएफ खाते में योगदान दिया जाता है. 

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बता दें कि अगर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक ऐसी संस्था है, जो कर्मचारियों के लिए रिटारमेंट फंड जमा करती है और रिटायर होने पर पेंशन जैसी सुविधाओं का लाभ भी देती है. 

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