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Bangladesh Home Minister Asaduzzaman Khan On Attacks On 12 Hindu Temples In Bangladesh


Bangladesh Temple Attack: पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को निशाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अब इसी तरह बांग्लादेश में भी कट्टरपंथी जमात पाक के नक्शेकदम पर चलते नजर आ रहे हैं. बांग्लादेश से लगातार हिंदू मंदिरों पर हमलों और मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की खबरें सामने आने लगी हैं. यहां अज्ञात अराजक तत्वों ने एक ही रात में 12 मंदिरों को निशाना बनाया. इस पूरे मामले को लेकर इंडिया टुडे ने बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल से बातचीत की. चलिए आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि खान कमाल का क्या कुछ कहना है. 

दरअसल, बांग्लादेश के उत्तरी ठाकुरगांव जिले के 12 हिंदू मंदिरों में 14 मूर्तियों को तोड़ दिया गया. ये मंदिर बलियाडांगी उपजिला में धनतला, परिया और चारुल यूनियनों में स्थित थे. इसके बाद अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा भी किया और इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है. समुदाय ने न्याय और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. पुलिस भी मामले को लेकर एक्शन में दिखी. खान कमाल ने इस मामले को लेकर अपनी पार्टी का रुख भी सामने रखा. 

चार बड़े सवालों के जवाब

1- आपकी पार्टी 14 साल से सत्ता में है और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है लेकिन क्या यह आपको शर्मिंदा नहीं करता है कि आतंकवाद शब्द बार-बार सामने आता है?

असदुज्जमां खान ने इस सवाल के जवाब में कहा कि आतंकवाद हमारी सरकार के खिलाफ रची गई साजिश है. यह उन्हें शर्मिंदा करने के लिए बनाई एक योजना है. हमारे देश की जनता ने आतंकवाद को कभी पनाह नहीं दी. आतंकवादी इस्लाम के नाम पर जो स्थापित करना चाहते हैं, वह पूरी तरह गलत है. आतंकवाद हमारे इस्लाम की तरफ से समर्थित नहीं है. हमारी इस्लाम आधारित पार्टियां और आम लोग उनसे नफरत करते हैं. हम आतंकवादियों की पहचान करने और उनके नापाक मंसूबों का पता लगाने में सफल रहे हैं. वे विदेश भागने की कोशिश करते हैं, ट्रेनिंग के लिए पहाड़ों पर जाते हैं और फिर वापस आ जाते हैं. हम उनका मुकाबला करने में सक्षम थे. उनका कहना था कि आतंक अब काबू में है. उन्होंने इसे सरकार की कामयाबी बताया है. 

2- आपके कुछ प्रतिद्वंद्वियों का कहना है कि बांग्लादेशी हिंदुओं के पास अवामी लीग के अलावा कोई राजनीतिक विकल्प नहीं है. अब वे किसी और को वोट नहीं देंगे लेकिन वे केवल 8 प्रतिशत हैं. तो क्या आपकी पार्टी हमेशा उन्हें हल्के में लेती है?

असदुज्जमां खान ने इसपर कहा कि हमारा देश कभी भी सांप्रदायिकता का समर्थन या विश्वास नहीं करता. हमारा मुख्य मंत्र बांग्लादेश को एक धर्मनिरपेक्ष भावना के साथ बनाना था. प्रधानमंत्री भी उसी भावना से काम कर रहे हैं. हमारा हिंदू समाज इस देश में था और हमेशा रहेगा. सरकार के पास उन्हें बाहर करने या वंचित करने की कोई योजना नहीं है. हमने उन्हें प्राथमिकता दी है. वे नींव, सचिवालय और पुलिस विभाग सहित शीर्ष पदों पर हैं. वे अपनी योग्यता के अनुसार पदों पर आसीन होते हैं. अवामी लीग हिंदू समुदाय से प्यार करती है. अवामी लीग गैर-सांप्रदायिकता में विश्वास करती है. अवामी लीग यह नहीं मानती कि यहां केवल मुसलमानों की ही जीत होगी इसीलिए सभी समुदायों के लोग अवामी लीग को अटूट समर्थन देते हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) में भी हिंदू समुदाय के नेता हैं, हालांकि उन्होंने अलग-अलग समय पर अलग-अलग समूह बनाए हैं. उनमें से कई अवामी लीग का भी विरोध करते हैं. हिंदू महाजात नेता गोविंदा प्रमाणिक ने हाल ही में भ्रामक जानकारी दी थी बाद में उन्हें खुद इसका पछतावा हुआ था. 

3- विपक्ष ने यह कहना शुरू कर दिया है कि अवामी लीग एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी नहीं है और बीएनपी एक सांप्रदायिक पार्टी नहीं है. इस पर आपका क्या रिएक्शन है?

असदुज्जमां खान ने कहा कि यह एक आधिकारिक राजनीतिक बयान है. वे बार-बार एक ही बात कहते हैं. भारत ने जिस तरह से हमारी मदद की है, उसे अवामी लीग कभी नहीं भूलेगी. भारत ने हमे मुक्ति संग्राम के दौरान आश्रय दिया. कम से कम 3 मिलियन लोग मारे गए, लेकिन उन्होंने 12 मिलियन लोगों को आश्रय दिया. हम भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहते हैं. भारत ने उल्फा के बारे में जो भी जानकारी मांगी है, हमने दे दी है. हमने भारत के लिए भेजे जाने वाले हथियारों से भरे 10 ट्रक बरामद किए हैं. बीएनपी ने एक चरमपंथी समूह को समायोजित किया. उन्होंने कैबिनेट में रजाकरों को जगह दी, जिन्होंने उत्थान बांग्ला भाई और शेख अब्दुर रहमान जैसे उग्रवादियों को आश्रय दिया था. इनके अतिवादियों से संबंध हैं. इनका जमात-ए-इस्लामी से राजनीतिक संबंध है. 

4- आप एक स्वतंत्रता सेनानी हैं. मुक्ति संग्राम को लगभग 51 साल बीत चुके हैं।.देश में अब भी मंदिरों पर हमले होते हैं. रविवार को 12 मंदिरों पर हमला किया गया. साम्प्रदायिक शक्ति के उदय की बात हो रही है. क्या उस सिद्धांत का पालन किया जा रहा है जिस पर मुक्ति संग्राम लड़ा गया था?

असदुज्जमां खान ने कहा कि हम 21 साल से सत्ता में नहीं थे. उन 21 सालों में हमारे संस्कार खो गए, इतिहास को विकृत कर दिया गया. अब प्रधानमंत्री ने सब कुछ ठीक कर दिया है. हमारी भावना एक गैर-सांप्रदायिक देश, सभी के लिए आवास, सभी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी देना है. सभी धर्मों के लोगों के पास समान अधिकार होंगे लेकिन मुक्ति संग्राम की पराजित सेनाएं अभी तक पीछे नहीं हटी हैं. वे अब भी सक्रिय हैं. वे मुक्ति संग्राम की भावना से खिलवाड़ करना चाहते हैं. वे बार-बार धार्मिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. ये उसी साजिश का हिस्सा हैं जिसे हम अब बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने बताया कि गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने पुलिस बल को इस मामले में कड़े से कड़े एक्शन लेने के आदेश दिए हैं. जल्द ही अपराधियों की पहचान कर ली जाएगी. स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों से भी इस बारे में बात की गई है. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है. 

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