After Invitation To Bilawal Bhutto Zardari Pak Minister Hina Rabbani Khar Says No Backchannel Diplomacy Between Pakistan And India

India Pakistan Relations: पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार (Hina Rabbani Khar) ने गुरुवार (26 जनवरी) को संसद के सीनेट सत्र के दौरान कहा है कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है, पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बैकचैनल डिप्लोमेसी (पर्दे के पीछे वाली कूटनीति) नहीं चल रही है.
हिना रब्बानी खार का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले (25 जनवरी को) कथित तौर पर भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की मई में होने वाली बैठक के लिए पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और वहां के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल को आमंत्रण भेजा है. मई में यह बैठक गोवा में होगी, जहां संगठन में शामिल देशों के विदेश मंत्री और प्रधान न्यायधीश जुटेंगे.
क्या बोलीं हिना रब्बानी खार?
डॉन ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें पाक विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार कहती दिख रही है, ”ये दोनों समझोते किए गए थे. आपने कहा कि पांच अगस्त के बाद क्या भारत के साथ कोई समझौता किया जाना चाहिए था. यह स्पष्ट हो चुका है कि हमने किया था. मैं साफ कर देना चाहती हूं कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से बाकी दुनिया के लिए अनजान कोई बैकचैनल डिप्लोमेसी नहीं हुई है. आप बातें कुछ और करें और पीछे कुछ और बात करें, यह किसी मुल्क को शोभा नहीं देता. बैकचैनल डिप्लोमेसी अगर रिजल्ट ओरिएंटेड हो तो जरूर होनी चाहिए, इस वक्त किसी किस्म की बैकचैनल डिप्लोमेसी नहीं हो रही, उस वक्त एक बैकचैनल डिप्लोमेसी हो रही थी, जिसमें शायद हुकूमत को पता था, नहीं था, हमें नहीं पता.” भारतीय मीडिया में हिना रब्बानी खार के इस बयान को उनके तेवर दिखाने से जोड़कर देखा जा रहा है.
क्या SCO बैठक के लिए भारत आएंगे पाक विदेश मंत्री?
पाकिस्तान ने अपने विदेश मंत्री की भारत यात्रा को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान अभी भारत के आमंत्रण की समीक्षा कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिये पाक विदेश मंत्री और चीफ जस्टिस को आमंत्रण भिजवाए गए हैं.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री का भारत दौरा इसलिए भी संदेह के घेर में है क्योंकि हाल में पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की थी लेकिन बाद में पाक पीएमओ ने कश्मीर का राग अलाप दिया था. पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि पांच अगस्त 2019 का फैसला बदलने जाने तक भारत से बात नहीं होगी.
इसलिए सवालों के घेरे में होगी बिलावल की भारत यात्रा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद भारतभर में उनके (बिलावट) के खिलाफ गुस्सा भड़क गया था. उनके पुतले जलाए गए थे. अगर बिलावल की भारत यात्रा होती है तो यह सवालों के घेरे में होगी.
12 साल से कोई पाक विदेश मंत्री नहीं आया भारत
2011 में हिना रब्बानी खार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी, बिलावल भारत आते हैं तो 2011 के बाद यह किसी पाक विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा होगी.
भारत के लिए क्यों अहम है SCO बैठक?
बता दें कि 2001 में शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना की गई थी. इस संगठन में आठ पूर्ण सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें छह इसके संस्थापक सदस्य हैं. संस्थापकों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसमें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे. भारत के लिए यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि वर्तमान में यानी 2022-2023 में एससीओ की अध्यक्षता भारत कर रहा है. एससीओ की मेजबानी का भी यह भारत का पहला अवसर है.
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