राकेश रोशन को K अक्षर से है खास लगाव! सिर पर क्यों नहीं रखते बाल? जानिए इसके पीछे की कहानी
[ad_1]
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर, जिन्होंने अपनी रोल से लोगों के दिलों में जगह बनाई और फिर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर बनकर न सिर्फ अपने बेटे ऋतिक रोशन को बल्कि फिल्मी अभिनेता और अभिनेत्रियों को उन्होंने स्टार बनाया. जी हां… हम बात कर रहे हैं अपनी मेहनत और लगन से इंडस्ट्री में खूब नाम कमाने वाले राकेश रोशन की. 1970 के में जिन्होंने फिल्म ‘घर-घर की कहानी’ से कदम रखा और फिर एक्टिंग करते करते वो सफल डायरेक्टर्स की लिस्ट में शुमार हो गए. साल 1970 से 1989 तक राकेश रोशन फिल्मों में नजर आए. लेकिन इसी बीच उन्होंने डायरेक्शन में हाथ अजमाना चाहा, फिल्म डायरेक्ट की और फिर एक सफल डायरेक्टर बन गए.
राकेश रोशन ने बतौर डायरेक्टर ने अपनी पहली फिल्म ‘खुदगर्ज’ से डेब्यू किया था. ये फिल्म साल 1987 में आई थी. आप भी अगर फिल्मों को शौकीन हैं, तो क्या आपने ये नोटिस किया है कि डायरेक्टर बन चुके राकेश रोशन की फिल्मों को नाम K से ही शुरू होता है. इसके पीछे की कहानी फिल्मी है.
अंधविश्वास या लगाव
ये तो हम सभी जानते हैं कि बॉलीवुड में कई फिल्म निर्माताओं के अपने अंधविश्वास हैं. ऐसे कई लोग हैं, जो महसूस करते हैं कि उनकी फिल्में, जब एक निश्चित तारीख पर शुरू या रिलीज होती हैं, तो वो हिट या सुपरहिट साबित होती है. लेकिन, कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें अपनी फिल्म के टाइटल में एक निश्चित अक्षर के प्रति लगाव होता है. कुछ ऐसे ही राकेश रोशन के साथ भी है.
‘K’ से क्यों शुरू होता है राकेश रोशन की फिल्मों को नाम
राकेश रोशन की ज्यादातर हिट फिल्मों के नाम ‘K’ अक्षर के शुरू होते हैं. लगभग हर सिनेमा प्रेमी ये जानना चाहता है कि राकेश रोशन के बैनर तले बनी फिल्म का नाम ‘K’ से क्यों शुरू होता है? ‘आप के दीवाने’ और ‘कामचोर’ फिल्म के बाद उनकी फिल्म आई ‘जाग उठा इंसान’ रिलीज हुई.
किसने दी थी राकेश रोशन को सलाह
1984 में आई फिल्म ‘जाग उठा इंसान’ में बिजी थे, उस समय उनके एक फैन ने उन्हें एक लेटर भेजा था, जिसमें उन्हें अपनी सभी फिल्मों के नाम ‘ K’ अक्षर से शुरू करने की सलाह दी गई थी. हालांकि, तब उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया. उसके बाद साल 1986 में ‘भगवान दादा’ रिलीज हुई, और वो भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. तब राकेश को लेटर पर लिखी बात कुछ सही लगी, क्योंकि उनकी फिल्म ‘खट्टा मीठा’ और ‘खंडन’ जैसी उनकी फिल्में हिट रहीं, जिसके नाम ‘K’ से शुरू होते थे.
‘K’ अक्षर को जुदा नहीं करेंगे राकेश रोशन
राकेश रोशन ने अपने उस फैन की सलाह को मानने से पहले इसे आजमाने का सोचा, इसके बाद 1987 में फिल्म आई ‘खुदगर्ज’, जो सुपरहिट साबित हुई.. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वो अपनी फिल्म से ‘K’ अक्षर को जुदा नहीं करेंगे. इसके बाद उन्होंने उसके बाद राकेश रोशन की फिल्म ‘खून भरी मांग’, ‘काला बाजार’, ‘किशन कन्हैया’, ‘करण अर्जुन’, ‘कहो ना प्यार है’, ‘कोई मिल गया’, ‘कृष’ और ‘कृष 3’ जैसी फिल्में बनाई, जो बॉक्स ऑफिस शानदार कमल दिखती नजर आईं.
राकेश रोशन सिर में क्यों नहीं रखते बाल?
राकेश रोशन को जब आपने फिल्मों में बतौर एक्टर देखा होगा, तब उनके सिर पर बाल थे. लेकिन, जब वह डायरेक्टर बनें उन्होंने सिर से बाल मुंडवा लिए. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ. दरअसल, बतौर डायरेक्टर जब उनकी पहली फिल्म रिलीज हो रही थी, तब उन्होंने फिल्म के लिए मन्नत मांगी थी कि इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिले और हिट साबित हो. फिल्म के हिट होने के बाद राकेश ने तिरुपति जाकर बाल मुंडवा लिए थे. उसी दौरान राकेश ने कसम खाई थी कि अब वह कभी सिर पर बाल नहीं रखेंगे और यही वजह है कि आपको राकेश हमेशा गंजे दिखते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Entertainment Special, Rakesh roshan
FIRST PUBLISHED : March 22, 2023, 12:14 IST
#रकश #रशन #क #अकषर #स #ह #खस #लगव #सर #पर #कय #नह #रखत #बल #जनए #इसक #पछ #क #कहन