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क्वाड ने समुद्री सुरक्षा को बनाया मुख्य एजेंडा, अमेरिका में होगी पहली बैठक

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<p style="text-align: justify;">क्वाड अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एक सामरिक और कूटनीतिक समूह है. क्वाड देशों ने अपने एजेंडे में समुद्री सुरक्षा को सबसे आगे रखा है. इस महीने के अंत में वाशिंगटन में क्वाड मैरीटाइम सिक्योरिटी वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक होने जा रही है. इससे पहले क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई और इस साल के अंत में क्वाड का शिखर सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हमारे पास पहले की अपेक्षा आज रणनीतिक स्पष्टता कहीं अधिक – जयशंकर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया कि "हम मानते हैं कि समुद्री क्षेत्र में शांति और सुरक्षा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास व समृद्धि को रेखांकित करती है और इसकी संप्रभुता को बनाए रखने के महत्व को दोहराती है. बयान में कहा गया कि "हम मार्च 2023 में वाशिंगटन डीसी में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आयोजित क्वाड मैरीटाइम सिक्योरिटी वर्किंग ग्रुप की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा को जारी रखने के लिए तैयार हैं. वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि "क्वाड 2023 में काम कर रहा है क्योंकि हमारे पास पहले की अपेक्षा आज रणनीतिक स्पष्टता और अधिक हो गई है।" विदेश मंत्री ने रायसीना डायलॉग में क्वाड पर एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि क्वाड के विदेश मंत्री मैरीटाइम वर्किंग ग्रुप के अलावा एक काउंटर टेररिज्म वर्किंग ग्रुप पर भी सहमत हुए हैं और जिसके लिए हम एक बार फिर से जल्द मिलेंग.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्वाड कोई सैन्य समूह नहींः एंटनी ब्लिंकेन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आतंकवाद विरोधी कार्य समूह भी कुछ देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर की जा रही राजनीतिकरण को भी देखेगा. ORF द्वारा आयोजित उसी सत्र के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने इस बात को दोहराया कि क्वाड कोई सैन्य समूह नहीं है. लेकिन, उन्होंने कहा कहा कि क्वाड का उद्देश्य ऐसे समय में दुनिया के अन्य देशों को अधिक विकल्प प्रदान करना है जब विश्व भर में "हमलावरों" के खिलाफ एक सख्त संदेश भेजना अनिवार्य हो गया है. इसी विचार को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने एक ट्वीट में कहा कि इसी के लिए क्वाड है, न की वह इसके ‘विरुद्ध’ है. उन्होंने आगे ट्वीट में लिखा की क्वाड समूह एक एक समावेशी, लचीला, मुक्त और खुला इंडो-पैसिफिक का समर्थन करता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्वाड देशों ने म्यांमार जुंटा से शांति की अपील की</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि क्वाड समूह एक वैसा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र बनाना चाहता है जिससे की इस क्षेत्र के देशों स्वतंत्र रूप से नेविगेशन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए क्वाड के कई स्तरों पर एक साथ काम कर रहा है. वहीं, जापानी विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा ने कहा कि क्वाड चीन के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर चीन नियमों व कानूनों का सही ढंग से पालन करता है तो हमें कोई समस्या नहीं होगी. क्वाड समूह के नेताओं ने आतंकवाद पर कहा कि "हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं." क्वाड देशों ने एक बार फिर से म्यांमार जुंटा को वहां हिंसा को समाप्त करने और मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की अपील की है. क्वाड देशों ने कहा कि हम शांति, पर जोर देते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के महत्व</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लेकिन म्यांमार में जिस तरह से स्थितियां बिगड़ी हैं हम उसे लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. हम चाहते हैं कि वहां पर हिंसा पूर्ण रूप से खत्म हो जाए. वहां पर मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहा कर दिया जाए और बातचीत के माध्यम से मुद्दों के समाधान निकाला जाए. हम सब म्यांमार में निर्बाध मानवीय पहुंच और एक समावेशी, संघीय लोकतांत्रिक प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर देते हैं.</p>
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