भारत

Supreme Court Says Child Born Out Of Invalid Marriage Can Also Get Share In Parents Ancestral Property ANN


SC On Void/Voidable Marriages: अमान्य विवाह से पैदा होने वाली संतान को भी अपने पिता या माता की पैतृक संपत्ति पर अधिकार मिल सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस तरह की संतान को कानून अवैध नहीं मानता. इसलिए, उसे उस संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता, जो संयुक्त हिंदू परिवार में उसके पिता या माता के हिस्से में आई हैं. हालांकि, कोर्ट ने साफ किया है कि ऐसी संतान किसी अन्य ‘कोपार्सेनर’ (संयुक्त संपत्ति के अधिकारी) के हिस्से पर अपना हक नहीं जता सकता.

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस लिए अहम है क्योंकि वॉइड और वॉइडेबल (यानी शून्य या शून्य करार देने लायक) शादी से पैदा संतान को अभी तक अपने माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति में तो अधिकार मिल सकता था, लेकिन पैतृक संपत्ति में नहीं.

यह मामला 31 मार्च 2011 को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने बड़ी बेंच के पास भेजा था. पिछले महीने इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारडीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की और अब यह अहम फैसला दिया है. 

संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति से जुड़ा मामला

यहां यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि यह पूरा मामला संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति से जुड़ा है. दरअसल, हिंदू विवाह कानून की धारा 16 के तहत अमान्य विवाह से पैदा संतान को भी वैध माना जाता है. लेकिन उसे सिर्फ अपने माता-पिता की खुद की संपत्ति में हिस्सा मिल पाता है.

इस व्यवस्था को हिंदू उत्तराधिकार कानून की धारा 6 के तहत हिंदू मिताक्षरा व्यवस्था (संयुक्त परिवार में उत्तराधिकार तय करने की एक व्यवस्था) से जोड़ कर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है.

हिंदू मिताक्षरा व्यवस्था के तहत संयुक्त पारिवारिक संपत्ति में किसी ‘कोपार्सेनर’ का हिस्सा वह हिस्सा होता है, जिसका अधिकार उसे अपनी मृत्यु से ठीक पहले था. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘कोपार्सेनर’ की हैसियत से पिता को संपत्ति का जो हिस्सा मिलना था, उसमें अमान्य शादी से पैदा संतान भी दावा कर सकेगी.

यह भी पढ़ें- 1995 Double Murder Case: पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा, दोहरे हत्याकांड को दिया था अंजाम

#Supreme #Court #Child #Born #Invalid #Marriage #Share #Parents #Ancestral #Property #ANN

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button